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जालोर

प्राथमिक सुविधा ही नहीं मिल रही ई-मित्र पर

राज्य सरकार की ओर से 2006 में जनसुविधा के लिए शुरू किए गए
ई-मित्रों पर मौजूदा समय में उपभोक्ताओं को बिजली-पानी के बिल भरने तक की
सुविधा नहीं मिल पा रही है

जालोरDec 07, 2015 / 11:56 pm

शंकर शर्मा

Jalore photo

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जालोर. राज्य सरकार की ओर से 2006 में जनसुविधा के लिए शुरू किए गए ई-मित्रों पर मौजूदा समय में उपभोक्ताओं को बिजली-पानी के बिल भरने तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

जालोर शहरी क्षेत्र व इसकी सीमा में करीब 45 ई-मित्र कियोस्क चलाए जा रहे हैं। जिनमें से अधिकतर ई-मित्रों पर जनता को ऐसी परेशानी हो रही है। कई जगहों पर बिजली की राशि अधिक होने से बिल जमा करने से मना किया जाता है तो कहीं संचालक ई-मित्र कियोस्क पर आने वाले उपभोक्ताओं से कह रहे हैं कि यहां पानी के बिल भरे ही नहीं जाते।

अधिकारियों की ओर से इस बारे में सख्ती नहीं बरतने के कारण उपभोक्ता भी कियोस्क संचालकों के आगे बेबस हैं। ऐसे में उन्होंने अभी भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

शहर में 45 के करीब ई-मित्र
जालोर नगरपरिषद क्षेत्र व आस पास के इलाकों में करीब 45 ई-मित्र केंद्र चल रहे हैं। जहां पर शहरवासियों को विभिन्न सुविधाएं ऑनलाइन और निर्धारित दर पर उपलब्ध कराई जाती हैं। इनमें से अधिकतर ई-मित्र पर कियोस्क संचालक मनमानी राशि वसूलते हैं। वहीं राशि के पूछताछ करने वाले उपभोक्ताओं को स्पष्ट तौर पर मना कर दिया जाता है।

उपनिदेशक ने की थी कार्यवाही
ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित राशि से अधिक राशि लेने की शिकायत मिलने पर जुलाई महीने में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के एसीपी व उपनिदेशक मनीष भाटी ने दो ई-मित्रों की शिकायत सही पाई जाने पर बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही स्थिति वैसी की वैसी बन चुकी है।

कम कमीशन के कारण कर रहे मना
ई-मित्र कियोस्क पर बिजली-पानी के बिल भरने का कमीशन काफी कम है। जबकि इसके लिए संचालक को स्टेशनरी व उपकरणों पर ज्यादा राशि वहन करनी पड़ती है। इसके बाद जमा किए गए बिल सम्बंधित विभाग में जमा कराने होते हैं। जबकि बिजली-पानी के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की टोकन फीस, प्रमाण पत्रों, राशन कार्ड, पेन कार्ड आवेदन और अन्य सुविधाओं के लिए कमीशन अधिक होने से कियोस्क संचालक बिल भरने से मना कर देते हैं। इसके अलावा पंद्रह सौ से दो हजार की अधिक राशि का बिल भी जमा करने से मना कर दिया जाता है।

निर्धारित से अधिक राशि वसूलते है
जिले भर में चल रहे ई-मित्रों पर दी जाने वाली निशुल्क सेवाओं के लिए भी संचालकों की ओर से शुल्क लिया जाता है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को अधिकतर ई-मित्रों पर सरकार की ओर से निर्धारित राशि से भी अधिक राशि चुकानी पड़ती है। इसको लेकर उपभोक्ता द्वारा अधिक राशि के बारे में संचालक से पूछने पर स्पष्ट तौर पर कार्य करने से ही मना कर दिया जाता है।

बरती जाएगी सख्ती
 बिजली-पानी के बिल जमा नहीं करने वाले ई-मित्र संचालकों को पाबंद किया जाएगा। मौजूदा समय में संचालकों को बैंक में एडवांस राशि जमा करानी होती है।कम राशि जमा कराने पर उनकी कियोस्क लिमिट भी कम रहती है।इसलिए वे ज्यादा राशि का बिल नहीं लेते होंगे। वहीं पानी का बिल जमा नहीं किया जा रहा तो इस बारे में सख्त निर्देश देंगे। अगर कोई इसके लिए मना करता है तो उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकते हैं। मनीष भाटी, उपनिदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग जालोर
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