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जालोर

अनूठी गो सेवा : गोवंश को गर्मी से बचाने को लगे हैं कूलर, 100 किमी के दायरे से बीमार गोवंश को लाने ले जाने को एंबुलेंस सुविधा भी निशुल्क 

यहां गंभीर बीमार गोवंश पहुंचता है और उपचार के बाद ठीक हो जाता है, जिसके बाद गोशालों को करते है सुपुर्द  

जालोरMay 31, 2024 / 06:15 pm

Manish kumar Panwar

अनूठी गो सेवा : गोवंश को गर्मी से बचाने को लगे हैं कूलर, 100 किमी के दायरे से बीमार गोवंश को लाने ले जाने को एंबुलेंस सुविधा भी निशुल्क

कूलर की छांव में आराम करतीं गायें।

जालोर। गर्मी ने जो तेवर इस सीजन में दिखाए, उसमें प्रशासन के इंतजाम बौने साबित हुए। 15 से अधिक मौतें भी हुई। गर्मी की इस सीजन में मवेशियों के लिए चारे पानी की व्यवस्था चुनौती से कम नहीं रही है। विकट हालातों में जालोर के गऊ रक्षा सेवा संस्थान ने अभावों और परेशानियों को दरकिनार करते हुए गोवंश की सेवा का जो बीड़ा उठाया, वह खास है। गोल नींबड़ी से लेटा जीएसएस मार्ग पर गऊ रक्षा सेवा संस्थान की गोशाला है, जहां पर 250 के करीब बीमार गोवंश जिले के विभिन्न हिस्सों से मौजूद हैं। इन बीमार गोवंश को 100 किमी के दायरे से यहां तक लाने ले जाने के लिए दो एंबुलेंस की व्यवस्था है और यहां इन गोवंश का निशुल्क उपचार किया जाता है। इस बार गर्मी अधिक है तो वर्तमान में 6 कूलर भी लगाए गए हैं, तेज धूप में गोवंश यहां बने शेड में लगे कूलर के सामने विश्राम करता नजर आता है। इसी तरह 6 पंखे भी लगाए गए हैं। मामले में खास बात यह भी है कि गोवंश की सेवा का यह कार्य जनसहयोग से ही किया जा रहा है। 

लंपी में शुरुआत हुई, करीब सालभर पूर्व शिफ्टिंग की

लंपी महामारी में गोवंश की मौतों के सिलसिले के दौरान गोसेवा के जज्बे से इस संगठन ने बिशनगढ़ रोड पर गोवंश रेस्क्यू सेंटर की शुरुआत की। यह सेवा केंद्र लंपी महामारी के दौरान सुचारू रहा। करीब एक साल से अब इसे गोल निंबड़ी से लेटा जीएसएस बाइपास पर संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में डायाराम माली पुत्र छोगाजी माली ने संस्थान के लिए जमीन मुहैया होने तक गोसेवा के लिए अपनी जमीन गऊ रक्षा सेवा संस्थान को सेवा कार्य के लिए समर्पित कर रखी है।

सोलर ऊर्जा से चल रहे कूलर, पंखे

यहां गोवंश की सेवा के लिए पूरा सिस्टम प्रकृति आधारित और जन सेवा की भावना पर निर्भर है। पंखे, कूलर और रात में रोशन की व्यवस्था के लिए 6 केवी का सोलर लगा है। जिससे यह पूरा सिस्टम संचालित है। इधर, गोवंश के लिए चारे और पानी का प्रबंध गोसेवक और आमजन कर रहे हैं।

250 गोसेवक जुटे हैं सेवा में

सचिव अजाराम के अनुसार बहुआयामी कार्य में जिले के अलग अलग हिस्से से 250 के करीब युवा गोसेवक जुटे हैं, जो निशुल्क सेवा दे रहे है। गोसेवक इन गोवंश के लिए चारे, पानी और अन्य जरुरतों के लिए ये सभी अपने स्तर पर और सामूहिक स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।

फिर गोशालाओं में छोड़ते हैं गायों को

गऊ रक्षा सेवा संस्थान में अक्सर बीमार और गंभीर घायल गायें आती है। वर्तमान में बागोड़ा, जीवाणा, सायला, सियावट समेत 100 किमी के दायरे से गायें यहां मौजूद है। यहां इन गोवंश के उपचार के लिए मेडिकल टीम मौजूद है। उपचार के बाद स्वस्थ होने पर इन गोवंश को आस पास गांवों में स्थित गोशालों में भेजा जाता है।

इनका कहना

गोवंश की सेवा का कार्य संगठन की ओर से लंपी महामारी के दौरान शुरु किया गया था। सेवा कार्य में काफी लोगों से रुचि दिखाई, जिसके बाद इसमें एक बड़ा समूह सेवा कार्य के लिए जुटा हुआ है। बीमार गोवंश का उपचार जारी है। – छगनलाल, अध्यक्ष, गऊ रक्षा सेवा संस्थान

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