बताया जा रहा है कि 60 वर्षीय गुल मोहम्मद पुत्र अब्दुल करीम मीर के अनंतनाग के नौगाम, डुरू स्थित घर पर तीन आतंकी आए। हथियारों से लैस आतंकियों ने गुल मोहम्मद के परिवार के सभी सदस्यों को एक तरफ खड़ा किया। इसके बाद उन्होंने गुल मोहम्मद से उनकी कार की चाबी मांगी। भाजपा नेता ने आतंकियों को अपनी कार सौंप दी। इसके बाद आतंकियों ने अपनी स्वचालित राइफल से भाजपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी। इससे भाजपा नेता जमीन पर गिर पड़े और आतंकी उनकी कार लेकर फरार हो गए। आतंकियों के जाने के बाद उनके परिजनों ने उन्हें तुरंत जिला अस्पताल अनंतनाग पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने बताया कि गुल मोहम्मद मीर को पांच गोलियां लगी थीं। तीन उनके सीने में और दो पेट में लगी थीं। इसी बीच, पुलिस भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई और उसने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए आतंकियों को पकड़ने के लिए एक तलाशी अभियान छेड़ दिया।
पीएम ने की हमले की कड़ी निंदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुलाम मोहम्मद मीर की हत्या की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए भरपूर योगदान दिया जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। हिंसा के लिए पूरे देश में कहीं भी जगह नहीं है।
कश्मीर के नेताओं ने भी जताया रोष
इसी बीच, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस हत्या की कड़ी निंदा की। सोमवार छह मई को अनंतनाग-पुलवामा संसदीय सीट के अंतर्गत जिला पुलवामा व शोपियां में मतदान होने जा रहा है। मतदान में आतंकी किसी तरह का व्यवधान न डालें, इसके लिए पूरे दक्षिण कश्मीर में प्रशासन ने सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त कर रखा है।
अटल बिहारी वाजपेयी के समर्थक थे, क्षेत्र में कहलाते थे अटल
अनंतनाग-पुलवामा संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी एमएलसी सोफी यूसुफ ने गुल मोहम्मद मीर की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि वह कश्मीर में भाजपा के एक मजबूत स्तंभ थे। वह हमेशा से आतंकियों की हिटलिस्ट में थे, लेकिन कभी नहीं डरे। उन्होंने वर्ष 2008 और वर्ष 20014 में डुरू विधानसभा क्षेत्र में बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव भी लड़ा है। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इतने बड़े समर्थक थे कि यहां उन्हें भी लोग ‘अटल’ के नाम से पुकारते थे।