मानसिक रूप से विमंदित
परिवार की गलती कुछ नहीं है, बस परिवार की मानसिक रूप से विमंदित (Mentally retarded pregnant) एक लड़की के साथ कुछ गलत हो गया। इसका खामियाजा पूरा परिवार भुगत रहा है। अवविवाहित लड़की के गर्भवती होने पर पूरे परिवार को जुर्माना लगा कर गांव से बाहर निकाल दिया गया। परिवार अब जंगली जानवरों के बीच जंगल में रहने को मजबूर है। पुलिस की जानकारी में यह मामला आने के बाद भी परिवार को न्याय का इंतजार है।
जंगल में भटक रहा परिवार
यह मामला है जमुई जिले के चन्द्रमंडीह इलाके का। जहां में एक बिन ब्याही लड़की के गर्भवती होने पर उसे और उसके परिवार को दबंगो ने गांव से बाहर निकाल दिया। अब यह आदिवासी परिवार दर-दर भटकने पर मजबूर है। गांव से निकाले जाने के पीडि़त परिवार बटिया घाटी के जंगल में भटकते पाया गया। पिता के मुताबिक दबंगों ने इस मामले में उनके परिवार पंचायत बैठकर 25 हजार का जुमानज़ भी लिया।
दबंगों का तुगलकी फरमान
दरअसल परिवार की मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी के साथ किसी ने गलत किया और वह गर्भवती हो गई। लड़की और परिवार का कसूर न होते हुए भी पंचायत ने उन्हें गांव छोडऩे का तुगलकी फरमान सुना दिया। गांव के दबंगों ने लड़की और उसके परिवार से गर्भवती होने का जवाब मांगा था। लेकिन दिमागी तौर पर कमजोर गर्भवती लड़की कुछ भी नहीं बता पाई। जिसके बाद दबंगों ने इस परिवार को गांव से बाहर निकाल दिया। पिता के मुताबिक दबंगों ने इस मामले में उनके परिवार पंचायत बैठकर 25 हजार का जुर्माना भी वसूल कर लिया।
8 माह की गर्भवती
परिवार के मुखिया का कहना है कि बेटी के गर्भवती होने के मामले में जब बेटी जवाब नहीं दे पाई, तो दबंगों ने परिवार को गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया, जिसके बाद वे लोग मारपीट के डर से गांव घर छोड़ जंगल आ गए। परिवार की छोटी बेटी मानसिक रूप से कमजोर है। किसी ने उसके साथ गलत काम किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। लड़की आठ माह की गर्भवती है।
पुलिस में परिवाद दिया
उन्होंने गांव के कपिलदेव टुडु, मुंशी मरांडी और चुनकु हांसदा पर दबंगई करने का आरोप लगाते हुए चंद्रमंडीह थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस के मुताबिक चंद्रमंडीह थाने में अगर पीडि़त परिवार ने आवेदन दिया है तो उसके आधार पर केस दर्ज होगा और पीडि़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।