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कांग्रेस और शरद यादव को लॉलीपॉप…
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कांग्रेस बेचैन…
उधर कांग्रेस लालू यादव के इस चालाक कदम से बेचैनी में हैं। कांग्रेस नेतृत्व को भरोसा था कि लोकसभा में कम सीटों पर तालमेल के लिए राजी करने से पहले राज्यसभा में एक सीट देने का वादा कर चुके लालू यादव अपने बोलबचन निभाएंगे। ऐसा होने पर मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलग होने से मिले सदमे की भरपाई बिहार से राज्यसभा में शत्रुघ्न सिन्हा या मीरा कुमार को भेजकर कर ली जा सकती है। पर कांग्रेस नेतृत्व को लालू यह समझा कर निकल लिए कि यदि राज्यसभा में आवश्यक सीटें नहीं पूरी हुईं तो पार्टी की मान्यता पर संकट आ जाएगा।अब कांग्रेसी बीच समर में हाथ मलते नज़र आ रही हैं।
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लालू के कदम से एनडीए भी सकते में…
अरबपति और सवर्ण दबंग भूमिहार जाति के एडी सिंह तथा पिछड़ी बनिया जाति के प्रेमचंद गुप्ता को उम्मीदवार बनाकल लालू यादव ने एनडीए को भी सकते में डाल दिया है। ये दोनों ही जातियां बिहार में भाजपा की प्रबल और आक्रामक समर्थक है। अमरेंद्रधारी सिंह सरीखे प्रभावशाली भूमिहार व्यवसायी को उम्मीदवार बनाकर लालू याद् ने यह बता दिया है कि विधानसभा चुनाव में वह एनडीए के वोटबैंक में जबर्दस्त सेंधमारी की ताक में हैं। अकेले मुस्लिम और यादव (एम-वाई) के भरोसे वह अपने लिए दूर की कौड़ी बनी सत्ता को फिर से शायद ही गले लगा पाना संभव कर सकते हैं। खासकर एडी सिंह जैसी शख्सियत को आगे लाकर लालू ने नीतीश कुमार और भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है कि वह आगामी चुनावों में सवर्ण वोटों को लुभाने की योजना लेकर आगे के क़दम उठा रहे हैं। इससे पहले सवर्ण राजपूत जाति के नेता और पूर्व सांसद जगदानंद सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपकर उन्होंने यही काम कर दिखाया था।