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जांजगीर चंपा

गीले और सूखे कचरे से रेलवे बनाएगा बायो कंपोस्ट खाद, लगाया गया प्लांट

हर दिन 250 किलो कचरे से बनाई जाएगी बायो कंपोस्ट खाद
स्वच्छ भारत स्वच्छ रेल योजना के तहत बनाया गया लाखों की लागत से प्लांट

जांजगीर चंपाNov 17, 2019 / 08:16 pm

sandeep upadhyay

गीले और सूखे कचरे से रेलवे बनाएगा बायो कंपोस्ट खाद, लगाया गया प्लांट

गीले और सूखे कचरे से रेलवे बनाएगा बायो कंपोस्ट खाद, लगाया गया प्लांट

डॉ. संदीप उपाध्याय@रायपुर. रायपुर रेलवे ने कचरा से कंपोस्ट खाद बनाने का प्लांट शुरू कर दिया है। अब रेलवे कैंटीन से लेकर होटलों व अन्य जगहों पर निकलने वाला खाने व अन्य चीजों का सूखा और गीला कचरा अलग-अलग जगहों पर गंदगी नहीं फैलाएगा। इस कचरे को इकट्ठा करके सीधे प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद कचरे से प्लांट में बायो कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। यह खाद अनाज, फल-फूल व पेड़ पौधों को पोषण प्रदान करेगी।
रेलवे प्रबंधन ने यह प्लांट स्वच्छ भारत-स्वच्छ रेल योजना के तहत शुरू किया है। प्लांट में बायो कंपोस्ट खाद बनाने वाली मशीन 6.40 लाख रुपए कीमत की लागत से मंगाई गई है। रेलवे इसे स्वच्छ भारत मिशन की राह में एक क्रांतिकारी कदम बता रहा है। इस प्लांट का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया है। शनिवार से ही यहां बायो कंपोस्ट खाद का उत्पादन कार्य शुरू कर दिया गया है। जब पत्रिका की एक्सपोज टीम ने इस प्लांट की ग्राउंड रिपोर्टिंग की तो देखने को मिला कि किस तरह 250 कुंटल सूखे व गीले कचरे को मशीन बायो कंपोस्ट खाद में परिवर्तित कर देती है। प्लांट के बारे में जानकारी रेलवे के चालक नियंत्रक वीसी रानागीरी ने दी। उन्होंने बताया कि रेलवे की कैंटीनों और होटलों में बचा हुआ खाना और सब्जियों का वेस्ट बड़ी मात्रा में निकलता था। इसे इकट्ठा करके कचरा डालने वाली जगह तक ले जाकर फेंक दिया जाता था। इससे यह वहां सड़कर वाता वरण को प्रदूषित करता था। इस मशीन के आ जाने से पूरे कचरे को मशीन डालकर बायो कंपोस्ट खाद बना दी जाएगी। इससे कचरा फैलने का कोई चांस ही नहीं बचेगा और गंदगी भी नहीं होगी।

अपने आप चलती है मशीन

प्लांट में बायो कंपोस्ट बनाने वाली मशीन को चलाना बेहद आसान है। यहां एक मार्ग दर्शिका लगी है, जिसके बाद एक बार कचरा डालने तक ही मशीन को ऑपरेट करना पड़ता है। इसके बाद उसे आटोमैटिक मोड में डालकर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद मशीन अपने आप कचरे को सुखाकर उसमें से खाद बनाने का काम करती है। रानागीरी ने बताया कि सबसे पहले मशीन के पावर स्वीच को ऑन करना पड़ता है। इससे मशीन बाद मेन स्क्रीन यानि डिसप्ले चालू हो जाएगा। मेन स्क्रीन पर स्टार्ट बटन पुस करने से मशीन चालू हो जाएगी। इसके बाद मैनुअल कंट्रोल बटन को दबाना और कचरे को मशीन के शेडर पर धीरे-धीरे डालना है। कचरा डालते समय मशीन को कुछ देर रिवर्स मोड में चलाना है औ जब कचरा डल जाए तो फार्वड मोड में चला देना है। जब मशीन कचरे को खाद में बदलने का काम करने लगे तो उसे आटोमैटिक मोड में डालकर छोड़ देना है।
250 किलो कचरे को बदल देती है 7 किलोग्राम खाद

मशीन में सबसे खास बात यह है कि इसमें एक दिन में 250 किलो सूखे और गीले कचरे का निष्पादन किया जा सकता है। यह मशीन 250 किलो कचरे को मात्र सात-आठ किलो बायो कंपोस्ट खाद में बदल देता है। इससे रेलवे को अधिक खाद निकलने और उसे रखने की परेशानी से दोचार नहीं होना पड़ेगा।
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