scriptसावधान! पहले ये खबर पढ़ें फिर पीना दूध, पैसे के चक्कर में चल रहा काला कारोबार | First read this news then drink milk, black business is going on | Patrika News
जांजगीर चंपा

सावधान! पहले ये खबर पढ़ें फिर पीना दूध, पैसे के चक्कर में चल रहा काला कारोबार

CG News: जिले में बिकने वाला दूध शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के पास मिल्कोमीटर मशीन नहीं हैं। यह कोई एक दो साल से नहीं बल्कि जब से खाद्य सुरक्षा विभाग का गठन हुआ है, तब से इस मशीन की कमी बनी हुई हैं।

जांजगीर चंपाApr 03, 2024 / 06:37 pm

Shrishti Singh

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Janjgir Champa News: शहर सहित जिले भर में दूध के श्वेत नजर आने वाले कारोबार में कितना काला खेल चल रहा, यह अभी भी अंधेरे में है। शहर में एकाध नहीं, बल्कि कई हजार लीटर ऐसा दूध सप्लाई होता है, जो संदेह के घेरे में है, पर सिस्टम ने शहर की ही बात करें तो तकरीबन 45 हजार की आबादी की सेहत राम भरोसे छोड़ दी है।
जिले में बिकने वाला दूध शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के पास मिल्कोमीटर मशीन नहीं हैं। यह कोई एक दो साल से नहीं बल्कि जब से खाद्य सुरक्षा विभाग का गठन हुआ है, तब से इस मशीन की कमी बनी हुई हैं। जिले में मशीन नहीं होने से विभाग के अधिकारियों को दूध की शुद्धता व मिलावट की जांच करने के लिए नमूने राजधानी भेजना पड़ता है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिले सहित शहर में दूध की जांच हो रही और न ही सैम्पल लिया जा रहा है। शहर की 45 हजार की आबादी को रामभरोसे छोड़ दी है। पत्रिका की टीम को मिलावट को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी।
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इसकी जांच करने के लिए टीम ने शहर के कई लोगों के घर पहुंची, साथ ही डेयरी का भी अवलोकन किया गया। जिसमें दूध के अंतिम परत में सिंथेटिक मिला, इससे स्पष्ट है कि आसपास गांव से दूध लेकर शहर पहुंचने दूधिए खुलेआम मिलावट कर रहे है। यह खासकर बच्चों के बहुत नुकसान दायक है। लेकिन इसे रोकने व टोकने वाला कोई नहीं है। पांच साल पहले रूटिन के तहत जांच व सेम्पल लिया जाता था। इस दौरान 10 में से 5 से 6 में मिलावट का केस सामने आता था, लेकिन अब सैम्पल तो दूर जांच भी नहीं हो रही है। ज्ञात हो कि पिछले एक दशक में जिले सहित शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। इसी कारण दूध व दुग्ध उत्पाद की मांग भी कई गुना बढ़ गई है। वर्तमान में शहर में रोजाना करीब 2 लाख लीटर दूध की खपत होती है। त्योहार के वक्त यह खपत तकरीबन सवा लाख लीटर तक बढ़ जाती है।
ऐसे करें दूध में मिलावट की जांच

एक प्लेट या ढलान वाली सतह पर दूध की एक बूंद डालें। शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे सफेद लकीर छोड़ते हुए नीचे आ जाएंगी, जबकि पानी की मिलवाट वाली बूंद बिना कोई निशान छोड़े बह जाएंगी। किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाएं। अगर दूध बहता हुआ नीचे की ओर गिरे और सफेद धार-सा निशान बन जाए, तो दूध शुद्ध है।
त्योहार के समय एकाध सेम्पल लेकर खानापूर्ति

जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले के दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ है। इसमें एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को चांपा, अकलतरा पामगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं दूसरे को सक्ती जिले सहित जांजगीर-चांपा मुख्यालय व अन्य शहर का प्रभार मिला है। अकलतरा, चांपा पामगढ़ में तो रक्षाबंधन, दीपावली व होली में सैम्पल व जांच की कार्रवाई की गई। लेकिन सक्ती जिले सहित जांजगीर-चांपा मुख्यालय में जांच व सैम्पल ही नहीं लिया गया। माने इससे स्पष्ट है कि जिम्मेदार दफ्तर में समय ही काट रहे हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सागर दत्ता ने कहा कि दूध की शुद्धता व मिलावट नापने मिल्कामीटर मशीन नहीं है। व्यस्तता व आगे जल्द ही दूध की जांच व सैम्पल लेने की कार्रवाई की जाएगी।

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