scriptयदि आपके सिर पर है लोन का बोझ, तो आपके लिए है ये खबर… इन परिस्थितियों में पत्नी व बेटी के खाते से पैसे नहीं काट सकता बैंक | If you have a burden of loan on your head | Patrika News
जांजगीर चंपा

यदि आपके सिर पर है लोन का बोझ, तो आपके लिए है ये खबर… इन परिस्थितियों में पत्नी व बेटी के खाते से पैसे नहीं काट सकता बैंक

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम सुनाया फैसला

जांजगीर चंपाJun 03, 2019 / 09:14 pm

Vasudev Yadav

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम सुनाया फैसला

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम सुनाया फैसला

जांजगीर-चांपा। लोन लेने वाले की मृत्यु के पश्चात उनके वारिशान के अकाउंट पर बैंक का अधिकार नहीं है। जब तक कि उनके वारिश लोन के लिए गारंटर न बने हों। यह फैसला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने एक बैंक को सुनाया है।
दरअसल, लछनपुर निवासी सुनीता केंवट एवं उसकी बेटी लिशिका केंवट 15 मार्च 2017 को केनरा बैंक की चाम्पा शाखा में 50-50 हजार के दो फिक्स डिपाजिट किए थे। आवेदक सुनीता केंवट पति स्व विनोद केंवट व उसकी बेटी लिशिका केंवट को उक्त रकम बीमा योजना के तहत मिला था। फिक्स डिपाजिट की अवधि 2 जून 2018 को पूरी हो गई। मां बेटी द्वारा परिपक्व राशि का भुगतान मांगने पर बैंक अफसरों ने बताया कि उक्त राशि का समायोजन उनके पति व पिता द्वारा लिए गए लोन खाते में किया जा चुका है। मां बेटी द्वारा मामला उपभोक्ता फोरम में दायर करने के बाद केनरा बैंक द्वारा फोरम को बताया गया कि उक्त रकम का भुगतान रोका गया है
क्योंकि स्व. विनोद केंवट द्वारा बैंक से टाटा मैजिक वाहन क्रय किया गया था लेकिन उसकी मृत्यु उपरांत लोन खाता कालातीत हो गया है। उक्त रकम की वसूली के लिए बैंक द्वारा जिला न्यायालय में वाद दायर किया गया है अत: फैसला होते तक भुगतान रोका गया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फोरम के अध्यक्ष बीपी पांडेय, सदस्य मनरमण सिंह तथा मंजुलता राठौर ने पाया कि बैंक द्वारा सेवा में कमी की गई है। मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया कि बैंक एक माह के भीतर फिक्स डिपाजिट की रकम परिपक्वता तिथि से 6 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान करे। साथ ही आवेदकों को मानसिक छतिपूर्ति बतौर 10 हजार व वाद व्यय स्वरूप 3000 रुपए का भुगतान करे। समय पर भुगतान नहीं करने की स्थिति में 9 फीसदी अतिरिक्त व्याज देय होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो