चार हजार किसान धान बेचने नहीं पहुंचे अब तक
समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए इस बार एक लाख 73 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से अब तक एक लाख 69 हजार किसानों ने धान बेच दिया है। इस तरह करीब 4 हजार किसान धान बेचने अब तक केंद्रों में नहीं पहुंचे हैं। हालांकि जिले में पिछले सालों का रिकार्ड देखकर अफसरों का कहना है कि ऐसी स्थिति नहीं होगी क्योंकि अब छोटे किसान ही बचे हैं। वहीं हर साल सभी किसान धान नहीं बेचने आते। 2 से 3 प्रतिशत हर साल शेष रह ही जाते हैं।
अब तक का टूटा रिकार्ड, 78 लाख क्विंटल खरीदी
जिले में रिकार्ड 78 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है जबकि लक्ष्य 80 लाख क्विंटल रखा गया है। इस हिसाब से बाकी बचे 4 दिनों में 4 हजार किसानों से 2 लाख क्विंटल धान खरीदना होगा। इस साल धान खरीदी का आंकड़ा देखें तो पिछले सभी सालों का रिकार्ड अभी से टूट चुका है। पिछले साल 75.73 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई है। पांच सालों का रिकार्ड देखें तो यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है मगर इस साल यह रिकार्ड भी टूट गया। सवा दो लाख क्विंटल से ज्यादा की खरीदी हो चुकी है और चार दिन की खरीदी होनी अभी और बाकी है।
27 लाख क्विंटल का परिवहन शेष
जिले के 209 खरीदी केंद्रों में अभी भी 27 लाख क्विंटल के करीब धान का परिवहन होना बाकी है। अफसरों के मुताबिक प्रतिदिन एक लाख क्विंटल धान का उठाव किया जा रहा है। इस हिसाब से उठाव में महीने दिन का समय लग सकता है। खरीदी केंद्रों से जल्द से जल्द उठाव कर संग्रहण केंद्रों में भंडारण करने पर जोर दिया जा रहा है।