scriptउपार्जन केंद्रों में 7 करोड़ का धान जाम, बेमौसम बारिश का मंडराया खतरा | Paddy worth Rs 7 crore jammed in procurement centres, danger of unseas | Patrika News
जांजगीर चंपा

उपार्जन केंद्रों में 7 करोड़ का धान जाम, बेमौसम बारिश का मंडराया खतरा

समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 32 हजार क्विंटल धान पर बेमौसम बारिश का खतरा मंडराने लगा है। इधर अभी खरीदी की रफ्तार नहीं पकडऩे के कारण अधिकतर उपार्जन केंद्रों में तिरपाल की व्यवस्था नहीं नजर आ रही है।

जांजगीर चंपाNov 28, 2023 / 09:20 pm

Anand Namdeo

उपार्जन केंद्रों में 7 करोड़ का धान जाम, बेमौसम बारिश का मंडराया खतरा

उपार्जन केंद्रों में 7 करोड़ का धान जाम, बेमौसम बारिश का मंडराया खतरा

ऐसे में बारिश होती है तो धान भीग सकता है। फिलहाल उपार्जन केंद्रों में अभी खरीदे गए 12 हजार क्विंटल धान का ही उठाव हुआ है। 32 हजार क्विंटल धान उपार्जन केंद्रों में जाम है। जिसे बेमौसम बारिश से सुरक्षित बचाने किसी तरह के इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं।
दरअसल भले ही 1 नवंबर से धान खरीदी शुरु हो गई है लेकिन अभी भी जिले के अधिकांश केंद्रों में धान की आवक शुरु नहीं हुई है। जिन केंद्रों में धान की खरीदी शुरु भी हो गई है वहां के अधिकांश उपार्जन केंद्रों में अभी तिरपाल, डे्रनेज समेत अन्य इंतजाम को नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि धान की मात्रा है और मौसम भी अब तक साफ रहा है। लेकिन मंगलवार को अचानक जिले में मौसम ने करवट बदल ली और बूंदाबांदी का दौर भी चला। ऐसे में खुले आसमान के तले रखे करोड़ों के धान पर बेमौसम बारिश का खतरा मंडरा रहा है। नोडल आफिसर अश्वनी पांडेय ने बताया कि सुरक्षा व भंडारण व्यय राशि जारी हो चुकी है। उपार्जन केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। बारिश होती है तो भी नुकसान नहीं होगा।

सुरक्षा व भंडारण व्यय के लिए 1.38 करोड़ रुपए जारी….


समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे धान की सुरक्षा के लिए हर साल समितियों को सुरक्षा व भंडारण व्यय जारी की जाती है। इसी राशि से तिरपाल, ड्रेनेज, भंडारण की व्यवस्था बनाकर उठाव होने तक धान को बचाकर सुरक्षा रखना होता है। इस साल भी मार्कफेड के द्वारा सभी समितियों को यह व्यय राशि जारी कर दी गई है। पिछले साल खरीदे गए धान की मात्रा के हिसाब से समिति को प्रति क्विंटल 3 रुपए के हिसाब से व्यय राशि जारी होती है। पिछले खरीफ सीजन 46 लाख 20 हजार 659 क्विंटल धान खरीदी हुई थी। इस हिसाब से 1 करोड़ 38 लाख 61 हजार 977 रुपए व्यय राशि के रूप में जारी कर दी गई है लेकिन इसके बाद भी समितियों में तिरपाल, डे्रनेज समेत अन्य इंतजाम कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ जगह फटे-पुराने तिरपाल के सहारे धान को बचाने की बात कही जा रही है।

इधर किसानों की बढ़ी चिंता


बेमौसम बारिश के आसार देखकर किसानों को भी चिंता सताने लगी है। जिन किसानों ने कटाई के बाद धान खेतों से नहीं उठाया है उन्हें बारिश होने पर नुकसान होने का अधिक डर सता रहा है। खेतों में पहले से नमी है जिससे हार्वेस्टर से कटाई नहीं हो रही है, उनके लिए बारिश हुई और और परेशानी बढ़ सकती है।

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