और उसकी मौत हो गई थी। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उसके शव को अपने कब्जे में लिया। पंचनामा कार्रवाई की गई लेकिन उसके पास किसी तरह का आधार कार्ड व पहचान पत्र नहीं मिला। इस बात की खबर बाबा महाकाल की रसोई के संचालक चंकी तिवारी को लगी तो उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति चाही कि साधू महात्मा का अंतिम संस्कार करने तैयार हैं, यदि प्रशासन की अनुमति हो तो। लेकिन जिला प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी। इसके चलते उसके शव को जिला अस्पताल के मर्चुरी में सुरक्षित रखवा दिया है। नैला चौकी प्रभारी संगम राम ने बताया कि दो दिन तक उसके शव को और सुरक्षित रखा जाएगा। फिर कफन दफन किया जाएगा। इस दौरान उसके परिजन मिल जाए तो अच्छी बात है।