फिर शिकायतों पर कार्रवाई की उम्मीद कैसे होगी
जहां अतिक्रमण की बकायदा पुष्टि हो चुकी है वहां छह माह बाद भी कब्जा हटाने में जिम्मेदार प्रशासन का ऐसा रवैया होगा तो अन्य शासकीय भूमियों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होने की उम्मीद करना भी बेमानी होगी जहां की शिकायत हुई होगी। विडंबना यह है कि ऐसी स्थिति तब है जब समय सीमा की बैठक हो या फिर राजस्व विभाग के अफसरों की बैठक, हर बैठकों में जिला प्रशासन की ओर से शासकीय भूमियों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने बात जरूर कही जाती है। इतना ही नहीं इसमें लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार विभाग पर भी कार्रवाई करने की चेतावनी भरा निर्देश जारी होता है लेकिन धरातल में यह बातें सच्चाई से कोसों दूर है। कार्रवाई का आदेश केवल सरकारी कागजों तक सिमट कर रह जा रहा है।
हर जनदर्शन में अतिक्रमण की शिकायत
अतिक्रमण की समस्या जिलेभर में इस तरह बढ़ती जा रही है कि हर सप्ताह होने वाले कलेक्टर जनदर्शन में शासकीय भूमि में अतिक्रमण की संबंधित कई शिकायत पहुंच रही है। ग्रामीण ही नहीं बल्कि गांव के जनप्रतिनिधियों को खुद शिकायत करनी पड़ रही है जो इस बात को पुख्ता कर रही है कि अतिक्रमणकारियों को अभयदान दिया जा रहा है। सोमवार 4 मार्च को लेकर ग्राम सिवनी की सरपंच अवैध कब्जा हटवाने की मांग लेकर पहुंची थी। इसी तरह कई ग्रामीण भी यही समस्या लेकर पहुंचे थे। जिस पर कार्रवाई करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया।
अतिक्रमण हटाने दर्जनों बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। अतिक्रमण हटाने में पंचायत पूरा सहयोग करने तैयार है। इसक बाद भी अवैध कब्जा पर कार्रवाई करने जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
लोचन साव, सरपंच सरखों