पोर्श कार का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था क्योंकि मालिक ने 1,758 रुपए के शुल्क का भुगतान नहीं किया था। पोर्श कार मार्च में बेंगलूरु के एक डीलर ने इंपोर्ट की थी। वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया।
महाराष्ट्र पुलिस शराब के नशे में गाड़ी चलाने के आरोप में धारा 185 के तहत नया मामला दर्ज होने के बाद नाबालिग आरोपी को बुधवार को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया। पहले उसके खिलाफ धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
पोर्श कार से बाइक सवार दो आइटी पेशेवरों को कुचलने से पहले नाबालिग ने बार में खूब शराब पी थी। इस बात की पुष्टि उसकी कार में मिला बिल कर कर रहा है। महाराष्ट्र पुलिस ने उस बार से 48,000 रुपए का बिल जब्त किया है। जहां नाबालिग दुर्घटना से पहले गया था। पुलिस का दावा है कि पोर्श कार एक बिल्डर का 17 वर्षीय बेटा चला रहा था। दुर्घटना के समय वह नशे में था।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पुलिस ने नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने की मांग की। सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि नाबालिग का केस निर्भया केस की तरह चलाया जाए। आरोपी की उम्र 17 साल और 8 महीने है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे की पत्नी सोनाली तनपुरे ने नाबालिग आरोपी को लेकर कुछ पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि—“आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उनके बेटे को धमकाया था। उन्होंने आरोपी लड़का और मेरा बेटा साथ में एक ही क्लास में पढ़ते थे। उस वक्त कुछ लड़कों की वजह से मेरे बेटे को काफी तकलीफें हुई थीं। इसकी शिकायत हमने उन बच्चों के पेरेंट्स से की थी लेकिन उनके परिवार वालों ने मेरी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया। बच्चों की बदमाशी जारी रही। घटना का बुरा असर आज भी बेटे के मन में है। बच्चों के बुरे व्यवहार को अगर उस वक्त ही रोक दिया जाता तो आज ये घटना नहीं होती। एक्सीडेंट में एक लड़के और लड़की की बिना किसी गलती के जान चली गई। उनके परिवार बिखर गए। दोनों मृतकों के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।”