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जांजगीर चंपा

हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर ‘गुरूजी

प्रशासन और शिक्षा विभाग की लाख कोशिशों की बाद भी सरकारी स्कूलों के शिक्षक हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर ही काम रहे हैं। वेतन काटने की कार्रवाई का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है।

जांजगीर चंपाJan 16, 2024 / 09:47 pm

Sanjay Prasad Rathore

हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर 'गुरूजी

हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर ‘गुरूजी

आला अधिकारी एक दिन भी कहीं निरीक्षण पर निकल जा रहे हैं तो स्कूलों में बिना कोई सूचना दिए गायब रहने वाले दर्जनों शिक्षक मिल जा रहे हैं। डेढ़ माह में ही जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय जांजगीर-चांपा के द्वारा बिना सूचना शाला से अनुपस्थित रहने वाले 87 शिक्षकों के एक दिन के वेतन काटने की कार्रवाई हो चुकी है। मगर इस कार्रवाई का कोई असर शिक्षकों पर नहीं पड़ रहा है। स्थिति यह है कि इसके बाद भी आला अधिकारी किसी स्कूल में पहुंच रहे हैं तो विद्यालय में उपस्थित रहने वाले शिक्षकों की तुलना में गैरहाजिर शिक्षकों की संख्या ज्यादा निकल रही है। यह स्थिति तब है कि सामने बोर्ड एग्जाम है तो वहीं लोकल एग्जाम है। चुनाव के चलते पढ़ाई वैसे भी ठप रही है। इसके बावजूद बच्चों के भविष्य की चिंता भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षकों को ही नहीं है।

जनवरी माह के 15 दिनों में ही कई मामले


जनवरी माह के ही 15 दिनों में बिना सूचना शाला से अनुपस्थित रहने वाले कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में ऐसा मामला न10 जनवरी को वागढ़ ब्लॉक के शाउमावि सेमरा में सामने आया था जहां औचक निरीक्षण पर पहुंचे अधिकारी ने दो व्याख्याता एलबी और दो सहायक ग्रेड -2 को बिना पूर्व सूचना आवेदन के शाला से अनुपस्थित पाया था। इसी तरह विगत दिसंबर माह में पामगढ़ ब्लॉक के शाउमावि महामाया और शापूमावि महामाया पामगढ़ में आठ शिक्षक एक साथ अनुपस्थित मिले थे। जांच में पहुंचे अधिकारी की अनुशंसा पर सभी शिक्षकों के वेतन काटने की कार्रवाई की गई। जनवरी माह के 15 दिन और दिसंबर माह के 31 दिन मिलाकर डेढ़ माह में ही 87 शिक्षकों का वेतन काटा गया।

एक दिन का वेतन काटना नहीं फर्क रहा फर्क


इधर औचक निरीक्षण और वेतन काटने की कार्रवाई के बाद भी स्कूलों से शिक्षकों के अनुपस्थित रहने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसके पीछे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का खुद कहना है कि एक दिन की वेतन कटौती की मामूली कार्रवाई हो जा रही है। इससे शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा। कार्रवाई पूरे माहभर के वेतन कटौती की होनी चाहिए। वहीं दूसरी बार अनुपस्थित मिलने पर वेतन वृद्धि रोकने जैसी कार्रवाई होनी चाहिए।

-कलेक्टर के निर्देशानुसार अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। बिना सूचना आवेदन विद्यालय से अनुपस्थित मिलने पर वेतन कटाने की कार्रवाई भी की जा रही है। इसके बाद भी कुछ शिक्षकों के द्वारा कर्तव्य में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे शिक्षकों को अपना दायित्व समझना चाहिए।
भारती वर्मा, डीईओ जांजगीर-चांपा

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