जिले में शस्त्रधारियों की फौज है। आत्मरक्षा कहें या शौक वे हथियार तो जरूर रखें हैं। बाकायदा वे इसका लाइसेंस भी बनवा लिए हैं। चुनाव के दौरान उन्हें शस्त्र जमा करने का निर्देश जारी किया जाएगा। चुनाव को लेकर लोकशांति की सुरक्षा के साथ ही जनसामान्य की सुरक्षा के लिए जिला सीमा क्षेत्र में आग्नेय शस्त्र लाइसेंस धारियों से अस्त्र-शस्त्र जमा करने के निर्देश दिए जाते हैं। सभी इलाइसेंस धारियों को अपने क्षेत्र के नजदीकी पुलिस स्टेशन में अस्त्र-शस्त्र जमा करने संबंधित आदेश दिया जाता है।
Video- दो दर्जन मरीजों को जब लाया गया जिला अस्पताल, तो मच गया हड़कंप, पढि़ए खबर… यह आदेश जिले से बाहर रहने वाले जो यहां आकर निवासरत हैं उनके खिलाफ भी यह आदेश लागू होगा। चुनाव के दौरान रसूखदार ऐसे शस्त्र का बेजा उपयोग कर सकते हैं। चुनाव के दौरान अपने क्षेत्र में भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित न हो सके जिसे देखते हुए उनसे शस्त्र जमा कराया जाता है। ताकि चुनाव पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए प्रशासन अब से अलर्ट हो चुकी है। जिले के जितने भी थाना क्षेत्र हैं उनमें 561 शस्त्रधारियों को शस्त्र जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैंकों के शस्त्र रहेंगे यथावत
बैंकों के शस्त्र यथावत रहेंगे। बैंक में सुरक्षा के दृष्टिकोण से शस्त्र जमा नहीं कराए जाएंगे। बैंकों में ऐसे दर्जनों शस्त्र हैं। जिसे जमा कराना अनिवार्य नहीं बताया गया है। क्यों कि शस्त्र नहीं होने से बैंक में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। जिले के आधा दर्जन बैंकों में शस्त्र है। जिसे जमा नहीं कराया जाएगा। जिले में सबसे अधिक शस्त्रधारी जांजगीर में है। यहां 87 शस्त्रधारी हैं।
अब नहीं मिल रहा लाइसेंस
सरकार ने अब लाइसेंस बनाने से इनकार कर दिया है। यही वजह है कि लाइसेंस बनवाने वालों की फाइल पेंडिंग है। कलेक्टोरेट में सैकड़ो लोग कतार में हैं जो नया लाइसेंस बनवाने आवेदन जमा किए हैं, लेकिन उनका लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। सरकार की मंशा है कि शस्त्र से समाज का माहौल खराब होता है। अब हमें शांति व्यवस्था कायम रखना है न कि भय का माहौल पैदा करना है। यही वजह है कि अब सरकार शस्त्र के लिए लाइसेंस जारी नहीं कर रही है।
-चुनाव के मद्देनजर शस्त्रधारियों से शस्त्र जमा कराना अनिवार्य होता है। चुनाव से पहले हर हाल में शस्त्र जमा कराना है- जितेंद्र चंद्राकर, एसडीओपी