मच्छर से शहरवासियों को रात भर जगाया
शहर में नाली की साफ-सफाई नहीं हो रही है। इसके अलावा फाङ्क्षगग भी नहीं हो रहा है। जिससे शहर में मच्छरों का आतंक है। रविवार की रात जब 1 बजे बिजली गुल हो गई तो मच्छर के आतंक से पूरे शहरवासी सो नहीं पाए। इस कदर मच्छर से शहरवासियों को परेशान किया।
फ्यूजकाल का नंबर 5 घंटे से व्यस्त तो अधिकारी ने नहीं उठाया फोन
बारिश के कारण रात से गुल हुई बिजली सुबह 9 बजे तक नहीं आई थी। बिजली खराबी आने पर बिजली विभाग द्वारा फ्यूज काल नंबर की सुविधा दी गई। इस नंबर पर फोन करने पर तत्काल लाइनमेन पहुंचकर व्यवस्था दुरूस्त करते है। लेकिन इस नंबर पर सुबह 4 बजे से 9 बजे तक फोन किया गया तो फोन लगातार व्यस्त बता रहा था। माने इस नंबर के मोबाइल को छेड़ दिया गया था। इसके बाद जेई सोनी को फोन लगाया गया तो उन्होंने भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। इससे अंदाला लगाया जा सकता है कि अधिकारी अपने काम को लेकर कितने गंभीर है।
एक ट्रांसफार्मर लगाने में लग गए पूरे दिन
बिजली विभाग के अधिकारी अपने कर्तव्य को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाजा सोमवार को हुई बिजली गुल से देखने को मिली। अधिकारी को रात को जब पता चल गया था कि चंदनिया पारा शिव मंदिर के पास का ट्रांसफार्मर फेल हो गया। इसके बावजूद उसे लगाने में ही पूरे दिन लगा दिए। बताया जा रहा है यहां ट्रांसफार्मर नहीं था। कहीं से जुगाड़ करके शाम को लगाया गया गया। बरसात में लाइटनिंग से ट्रांसफार्मर खराब होते है तो पहले से ट्रांसफार्मर रखना चाहिए। लेकिन ये तो बिजली विभाग के अधिकारी है। इसको तो समस्या से कोई सरोकार ही नहीं है।
इसलिए हुई रविवार को जिले में बारिश
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी ओर पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी दक्षिण ओडिशा उत्तर आंध्र प्रदेश के तट आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती घेरा समुद्र तल से 7.6 किमी तक विस्तारित है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चित की ओर झुका हुआ है। मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई थी।
शहर में बिजली व्यवस्था बदहाल
शहर के एनके पांडेय, पुनीराम साहू का कहना है कि सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा करती हैं, लेकिन बार-बार बिजली गुल होना इस दावे की हकीकत सामने ला लेती है। दिन में तो बिजली कभी भी गुल हो जाती है। इसके अलावा रात में भी बिजली कभी भी चली जाती है। गांव से भी ज्यादा बदतर हालत जिला मुख्यालय का है।
नहाने के लिए नहर का सहारा
सोमवार को बिजली गुल होने से चंदनिया पारा के लोगों ने नहर के पानी का नहाने के लिए उपयोग किया। शहर की आधी आबादी चंदनिया पारा मेें रहती है। खरीफ फसल के लिए पानी छोड़ा गया है। बिजली गुल से लोगों के लिए यह काफी काम आया। घर में मोटरपंप नहीं चलने से पूरे दिन नहर में लोगों की भीड़ नहाने के लिए नहर पहुंचे थे। इसके अलावा भीमा तालाब में भी लोग नहाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
-रात को तेज बारिश के कारण शहर में कई जगह फाल्ट आ गया था। जिससे कर्मचारी द्वारा सुधारा गया। इसके अलावा शहर में दो ट्रांसफार्मर लााइटनिंग की वजह से फेल हो गया था। यहां ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं था। चांपा से ट्रांसफार्मर मंगाया गया, इसलिए थोड़ी देर हुई।
-एके अम्बस्थ, अधीक्षण यंत्री, सीएसईबी