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जशपुर नगर

अधिकारियों व ठेकेदार के जेबों की हरियाली बढ़ाने के काम आ रहे बांध

दोनों सिंचाई योजनाओं में आज तक नहीं बनाई जा सकी नहरें

जशपुर नगरJul 26, 2019 / 12:45 pm

Murari Soni

The dams used to increase the greenery of pockets of officials and con

अधिकारियों व ठेकेदार के जेबों की हरियाली बढ़ाने के काम आ रहे बांध

जशपुरनगर. जिले के बड़े जलाशयों के श्रेणी में आने वाले बेलसूंगा जलाशय और कुदमुरा व्यपवर्तन योजना से आज तक किसानों को पानी नहीं मिल पाया है। दोनों जलाशय के निर्माण हुए कई साल बीत जाने के बाद भी दोनो सिंचाई योजनाएं सफल नहीं हो पाईं हैं।
दोनो जलाशय के निर्माण के समय में क्षेत्र के किसानों को यह आस जगी थी कि जलाशय के बन जाने से क्षेत्र के खेती में रफ्तार आएगी, लेकिन जब किसानों की हक की जमीन छीनकर भी पानी नहीं मिली तो उनकी आस टूट गई। बेलसूंगा जलाशय की नहर में पानी सप्लाई शुरू होती तो क्षेत्र के हजारों हेक्टेयर खेती समय पर हो जाती। कुदमुरा व्यपवर्तन योजना से तो 30 साल बाद भी किसानों को पानी नहीं मिल पाया है। किसानो को पानी नहीं मिल पाने के कारण उन्हें सिंचाई करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सिंचाई कर रहे किसान कुंवर राम ने बताया कि नहर को लेकर क्षेत्र के किसान दुखी है। उन्हे नहर से पानी नहीं मिल पाने के कारण खेती किसानी के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
बड़े अधिकारी और ठेकेदार का चारागाह
जलाशय बनने से लेकर साफ सफाई और मरम्मत के जितने भी कार्य हो रहे हैं किसी मे गुणवक्ता नहीं है। ये दोनो जलाशय अधिकारियों का चारागाह बनकर रह गए हैं। अधिकारी हर साल मरम्मत सहित कई कार्य उसमें स्वीकृत कर देते हैं और ठेकेदार से मिलकर जेब भरने का काम करते हैं। दोनों जलाशय सिर्फ जेब भरने के लिए ही बनी है आज तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। यदि सिंचाई के लिए पानी सप्लाई सही रहती तो आज क्षेत्र के 10 हजार किसानों को परेशान होना नहीं पड़ता।
सिंचाई करने एक किमी दूर से ला रहे किसान पानी
शुरुआत में कुछ महीने पहले ऐसी बारिश हुई कि लोग खुशी से झूम उठे थे। खेती की तैयारी में किसान जुट गए थे, लेकिन अचानक बारिश थम जाने से किसानों के खेत सूखे के सूखे हैं। किसानो ने खेती की लगभग 40 प्रतिशत बोआई का कार्य पूरा कर लिया हैं। लेकिन पानी के न आने से किसानों के खेत सूखने के कगार पर पहुंच गए हंै। हांलाकि कहीं कहीं हल्की बारिश से राहत की सांस मिल रही है लेकिन खेत की प्यास अबतक जस की तस है। सूख चुके खेतों में किसान खेती करने के लिए अब १ किलोमीटर दूर से पानी की व्यवस्था कर अपने खेतों तक ला रहे हैं। वहीं कई किसान मोटर पंप के माध्यम से अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं।

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