जशपुर नगर

हवाई सेवा पर लगा ग्रहण, हवाई अड्डे की सूची से आगडीह का नाम गायब

15 मई से प्रदेश में घरेलू हवाई सेवा शुरू होने की खबर से जशपुर के लोगों में छाई हुई है मायूसी

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जशपुरनगर. जैसी जानकारी आ रही है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ में घरेलू विमान सेवाओं की शुरूआत 15 मई से शुरू हो जाएगी। विमान सेवा को शुरू करने के लिए डीजीसीए ने अपनी हरी झंडी दे दी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के कुछ शहरों जैसे जगदलपुर से रायपुर , जगदलपुर से विशाखापट्टनम, जगदलपुर से अंबिकापुर, बिलासपुर से अंबिकापुर, रायपुर से झारसुगड़ा, रायपुर से रायगढ़, रायपुर से इलाहाबाद और रायपुर से उत्कल भवानी पटना के लिए प्रदेश में घरेलू विमान सेवाओं की शुरूआत होने जा रही है। इस खबर से जशपुर के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि इस घरेलू विमान सेवा में कभी जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे का नाम भी शामिल था जो अब इस सूचि से नदारद है। कभी ऐसी ही घरेलू विमान सेवाओं की शुरूआत के नाम पर प्रदेश के तीन जिलों रायगढ़ के कोडातराई, अंबिकापुर के दरिमा और जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे में इन तीनो जिलों को हवाई मार्ग से जोडऩे के लिए एक साथ हवाई पट्टी का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था। जिसमे से दो जिलों में हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गया है। वहीं जशपुर जिला मुख्यालय में विश्राम गृह, टर्मिनल भवन, टिकट काउण्टर और रनवे के चारों ओर फेंसिंग आदि का निर्माण कार्य तो पूरा कर लिया गया लेकर स्टेट प्लेन से कुछ बडे विमानो के लिए बनने वाले हवाई पट्टी के रनवे के विस्तार का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। वहीं राज्य के एक शहर को दूसरे शहर से प्लेन के जरिए जोडऩे की मुहिम में पहले 15 मई से जगदलपुर से अंबिकापुर के बीच वायुसेवा से शुरू हो जाएगी। पांच वर्ष पूर्व जिले को हवाई के नक्शे में जोडऩे के लिए जिला मुख्यालय से १० किलोमीटर दूर आगडीह में एयर स्ट्रीप निर्माण करने का कार्य प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा जिले में हवाई सेवा की शुरुआत करने की घोषणा से जिलेवासियों को पूरा भरोसा हो गया था कि अब उनकी हवाई उड़ान की कल्पना साकार हो जाएगी। शासन के घरेलू विमान सेवा के प्रारंभ होने की खबर से लोग उत्सुक थे। इस सेवा के शुरू हो जाने से राजधानी सहित प्रदेश के अन्य नगरों की दूरी सिमट जाती और घंटों की सफर मिनटों में पूरी कर लेने का सपना भी देखना शुरू कर दिया था। पर हवाई अड्डा में रनवे तैयार नहीं होने के कारण लोगों का यह सपना सपना ही बन कर रह गया है। इसके बाद यहां कई टीम आई और गई। कई आदेश और निर्देश भी दिए गए पर सभी कागजों में भी सिमट कर रह गया है। विभागीय लापरवाही के चलते आज तक जो आदेश-निर्देश दिए गए थे। वे पूरे नहीं हो पाए हैं और तो और रनवे बढ़ाने के लिए टेंडर भी हो चुका है।
२२५ मीटर बढ़ानी है रनवे की लंबाई : जशपुर जिले के जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर हवाई सेवा के लिए ५ वर्ष पूर्व हवाई पट्टी का निर्माण कराया गया था। तभी से लोगों के मन मे एक उम्मीद जग गई थी कि जिला मुख्यालय से कभी न कभी हवाई सेवा की शुरुआत होगी और राजधानी सहित अन्य नगरों की यात्रा आसान हो जाएगी। वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जिले से हवाई सेवा शुरू किए जाने की घोषणा के बाद लोगों को पूरी उम्मीद हो गई थी कि अब जिले से घरेलू विमान सेवा जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इस सेवा के शुरू होने की घोषणा के बाद दिल्ली एवं राज्य के विमानन सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने 2011 में आगडीह पहुंच कर हवाई अड्डा एवं रनवे का निरीक्षण करने के बाद लोक निर्माण विभाग को कई आवश्यक सुधार एवं सुविधाओं का विस्तार करने का निर्देश देकर थे। जब अधिकारियों ने वहां का निरीक्षण किया था। तो उन्होंने पाया था कि आगडीह हवाई अड्डे में न बिजली है न ही पानी।
धीमी गति से चल रहा है काम : वर्तमान में आगडीह हवाई अड्डा का रनवे 1200 मीटर लंबा है। इस रनवे को बढ़ाने के लिए दिल्ली के विमानन प्राधिकरण ने इस रनवे की लंबाई को बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। वर्तमान में पूर्व दिशा में 2२5 मीटर लंबाई को बढ़ाना है। पूर्व दिशा में वन विभाग की जमीन है और उस जमीन में पेड़ भी लगे हुए हैं। इसलिए काम करने के लिए वन विभाग से एनओसी लेने की जरुरत पड़ी। वन विभाग ने एनओसी देने के लिए भूमि और वन की क्षतिपूर्ति की राशि मांग की थी। वन विभाग के द्वारा राशि की मांग किए जाने के बाद ६ माह पूर्व पीडब्लयूडी विभाग के द्वारा उन्हें १.५ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। वन विभाग को राशि का भुगतान हो जाने के बाद जशपुर वन विभाग ने फाईल को स्वीकृति के लिए अंबिकापुर कार्यालय में भेज दिया था। जहां से अब एनओसी भी मिल गया है, एनओसी मिल जाने के बाद अब वहां पेड़ कटाई का काम करना है। बताया जाता है कि विभाग को ४ माह पहले ही पेड़ कटाने के संबंध में एनओसी प्राप्त हो चुका है उसके बाद भी यहां का काम धीमा गति से चलने के कारण अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। रनवे बढ़ाने के लिए विभाग को वन विभाग से एनओसी प्राप्त नहीं हो पाया था। जिसके कारण यहां की लंबाई बढ़ाने का कार्य नहीं हो पा रहा था।

Published on:
13 Apr 2018 09:21 am
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