7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिक्षा व्यवस्था शर्मसार: किताब की जगह बच्चों के हाथों में थमाया गया गोबर, बीईओ ने शिक्षक को जारी किया नोटिस…

Jashpur News: जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बाल अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।

2 min read
Google source verification
बच्चों के हाथों में किताब की जगह गोबर और भारी बर्तन (फोटो सोर्स- पत्रिका)

बच्चों के हाथों में किताब की जगह गोबर और भारी बर्तन (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: छत्तीसगढ़ सरकार 'सब पढ़े, सब बढ़े' और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के चाहे जितने भी दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बाल अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।

ताजा मामला पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत खजरीढाब स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में स्कूल की ड्रेस पहने छोटी-छोटी बच्चियां सडक़ पर भारी बाल्टी में गोबर और अन्य सामग्री ढोते हुए नजर आ रही हैं। वहीं, स्कूल परिसर के भीतर छोटे बालक भारी-भरकम बर्तन उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ स्कूल के समय में हो रहा है, जब इन बच्चों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी। वीडियो में जब राहगीरों ने बच्चियों से पूछा कि उन्हें किसने भेजा है, तो उन्होंने दबी जुबान में स्कूल की 'मैडम' का नाम लिया। यह स्पष्ट करता है कि शिक्षकों के आदेश पर ही बच्चों को स्कूल परिसर से बाहर काम करने भेजा गया था।

शासकीय स्कूलों में साफ-सफाई, खाना बनाने और अन्य कार्यों के लिए शासन द्वारा रसोइया और चपरासी (भृत्य) की नियुक्ति की जाती है। इसके बावजूद, खजरीढाब प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षकों को न तो कानून का डर है और न ही उच्च अधिकारियों का। बच्चों को पढ़ाई करवाने के बजाय उनसे मवेशियों का गोबर मंगाना और भारी बर्तन उठवाना बाल श्रम और 'शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सीधा उल्लंघन है।

अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश

इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल पढऩे के लिए भेजते हैं, न कि गोबर ढोने और मजदूरी करने के लिए। स्कूल प्रबंधन की इस लापरवाही से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।

वायरल वीडियों ने स्कूल प्रबंधन की पोल खोलकर रख दी है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी और जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं। क्या उन शिक्षकों पर कोई कार्रवाई होगी जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

जांच और कार्रवाई की मांग

वायरल वीडियों ने स्कूल प्रबंधन की पोल खोलकर रख दी है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी और जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं। क्या उन शिक्षकों पर कोई कार्रवाई होगी जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

नौनिहालों का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल को आधार मानकर संबंधित शिक्षक को नोटिस जारी कर स्पस्टीकरण मांगा गया हैं। उनके प्रस्तुत जवाब के आधार पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - वेदानंद आर्य, बीईओ पत्थलगांव


बड़ी खबरें

View All

जशपुर नगर

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग