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झाबुआ

आर्थिक संकट से जूझ रही झाबुआ नपा के सामने कर्मचारियों को वेतन देने के लाले

-आमदनी से ज्यादा खर्च बिगाड़ रहा नगर पालिका की वित्तीय स्थिति, अक्टूबर माह से वेतन बकाया

झाबुआDec 29, 2023 / 01:21 am

binod singh

आर्थिक संकट से जूझ रही झाबुआ नपा के सामने कर्मचारियों को वेतन देने के लाले

आर्थिक संकट से जूझ रही झाबुआ नपा के सामने कर्मचारियों को वेतन देने के लाले

झाबुआ. नगर पालिका अपने कर्मचारियों को अक्टूबर माह से वेतन नहीं दे पाई है। इसकी एक वजह आमदनी से ज्यादा खर्चे होने के साथ ही शासन से मिलने वाले अनुदानों में कटौती होना है। चुंगी क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाली राशि में से शासन ने सालभर में 1 करोड़ 46 लाख रुपए कम दिए, जिससे वित्तीय स्थिति पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। फिलहाल जैसे तैसे नगर पालिका में नियमित कामकाज चल रहे हैं।
बताया जाता है कि चुनावी दौर में सरकार ने इतना ज्यादा खर्च कर दिया कि खजाना खाली हो गया, जिसके चलते नगरीय निकाय को मिलने वाले अनुदान पर असर पड़ा है। चुंगी क्षतिपूर्ति की बात करें तो हर महीने 36 लाख रुपए नगर पालिका को मिलने चाहिए। इस लिहाज से जनवरी से दिसंबर तक 12 महीने में कुल 4 करोड़ 32 लाख रुपए झाबुआ नगर पालिका को मिलना था। जबकि अब तक महज 2 करोड़ 86 लाख रुपए ही चुंगी क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसमें भी दिसंबर माह में केवल 17 लाख रुपए ही दिए गए। संपत्ति कर और जलकर की वसूली भी अटकी होने से नगर पालिका की माली हालत खस्ता हो चली है। जिनका असर व्यवस्था संचालन के साथ विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है। इस भयावह वित्तीय संकट से उबरने के लिए नगर पालिका के पास अब अपनी आय के अतिरिक्त स्त्रोत तलाशने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है।-नगर पालिका के खर्चे कितने
1. नगर पालिका के नियमित कर्मचारियों की संख्या 58 है। जबकि विनयमित कर्मचारी 93 और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या 182 है। इनका वेतन ही करीब 60 लख रुपए बनता है इसके अलावा बिजली बिल और अन्य खर्च जिसमें कर्ज की अदायगी भी शामिल है, यह लगभग 40 लख रुपए हैं।2. शहर की नवीन पेयजल योजना के लिए करीब 47 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। उसके लिए हर तीसरे माह 27 लाख 10 हजार रुपए हुडको को किश्त के रूप में जमा करवाने पड़ते हैं।
3. धरमपुरी में बैराज निर्माण में डूब प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए 2 करोड़ 70 लख रुपए का कर्ज लिया था।।इसके लिए चुंगी क्षतिपूर्ति में से हर माह ₹400000 अदा किए जाते हैं।4. उत्कर्ष सड़क निर्माण के लिए भी 15 करोड़ का कर्ज लिया था। उसकी भी अदायगी की जा रही है।
– आमदनी आधी भी नहीं

खर्चों के मुकाबले यदि नगर पालिका की आय देखें तो आधी भी नहीं है। चुंगी क्षतिपूर्ति की रकम कभी भी पूरी प्राप्त नहीं हुई। दुकान के किराए और अन्य कर से करीब ₹500000 रुपए मिल जाते हैं। लगभग ₹100000 जलकर आता है। इसके अलावा 5 से 7 लख रुपए अन्य स्रोतों से राजस्व प्राप्त हो जाता है।

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