परियोजना के कार्य को गति देने के लिए कम से कम 2700 करोड़ रुपए परवन वृहद सिंचाई परियोजना खंड को चाहिए, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार ने हाल ही पेश बजट में महज 866 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है, जो एक तिहाई मात्र है। इस बार जिले के सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना को 1750 करोड़ रुपए चाहिए। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 300 करोड़ रुपए विभागीय स्तर पर मांगे गए थे,जो भी पूरे नहीं मिले। इस बारे में पूछने पर परियोजना से जुड़े अधिकारी सवाल को टालते हुए इतना ही कहते हैं कि काम तो चल ही रहा है, लेकिन इसकी गति को लेकर कुछ भी नहीं बोलते।
पूर्व में 17 सितम्बर 2013 को जब मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था,तब इसका सिंचाई का रकबा 1.31 लाख हैक्टेयर निर्धारित किया गया था। वर्ष 2017 में इसे बढ़ाकर 2.01 लाख हैक्टेयर किया गया,लेकिन इसके साथ ही छबड़ा थर्मल पावर प्लांट व निजी क्षेत्र के अडानी पावर प्लांट के लिए आरक्षित 50 मिलियन घन मीटर पानी को बढ़ाकर 85.08 घन मीटर कर दिया है।
गत वर्ष दिसम्बर माह में परियोजना के सिंचित क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के लिए खेतों में खड़ी फसलों के लिए मुआवजा दिया जाना तय किया गया। यह कार्य कराया भी जा रहा है, लेकिन बीते फरवरी माह तक महज 23.53 हैक्टेयर में ही पाइप लाइन बिछाई जा सकी। इसके लिए 13.94 लाख का मुआवजा प्रभावित किसानों को दिया गया है। ऐसे में झालावाड़,बारां व कोटा जिलों की 2 लाख 1 हजार हैक्टेयर में परियोजना से सिंचित क्षेत्र में बांध का पानी पहुंचने का अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन कार्य की धीमी गति के चलते किसानों के सपने पूरे नहीं हो पा रहे हैं। परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने पूर्व में इसके निर्माण में एक वर्ष का विलम्ब होने की आशंका जताई थी,अब यह अवधि और भी बढ़ सकती है।
परियोजना के बारे में भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष रघुनासिंह, जिला मंत्री राधेश्याम गुर्जर, कृषि वितरण विभाग प्रमुख सीताराम नागर, बजरंग पटेल आदि का कहना है कि इस परियोजना की कल्पना डेढ़ दशक पूर्व की गई थी। तीन बार शिलान्यास के बाद अब भी परियोजना के लिए वांछित बजट उपलब्ध नहीं कराने से किसानों की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है। प्रदेश में दोनों ही सरकारों ने किसानों के साथ ऐसा ही किया है।
जैस-जैसे सरकार बजट उपलब्ध करा रही है, उसके अनुसार प्राथमिकता से कार्य पूरे कराए जा रहे हैं। पूर्व में परियोजना के बांध का कार्य 2021 में पूरा होना था,अब नई निर्धारित तिथि मई 2022 तक सम्पूर्ण कार्य पूरा कराने का प्रयास करेंगे। अभी टनल व बांध का काम चल रहा है, लेकिन बांध की दाई व बांय मुख्य नहर का निर्माण शुरू नहीं किया जा सका है।
केएम जायसवाल, एसई, परवन खंड,जल संसाधन विभाग झालावाड़