ड्रिप लाइन, मल्चिंग से अच्छी पैदावार
दिनेश ने बताया, दो बीघा में क्रिस मोरगन एवं डी-4 जैसी दो प्रकार की वैरायटी की मिर्च लगाई। सबसे पहले खेत में दो से तीन बार हकाई करवाई। पर्याप्त गोबर की खाद के साथ आवश्यकतानुसार अन्य खाद का प्रयोग किया। ट्रेक्टर की सहायता से बेड बनाकर उसमें ड्रिप लाइन बिछाई। इसके बाद मल्चिंग लगाकर एक-एक फुट की दूरी पर गड्ढे कर मिर्च की तैयार पौध लगाई। दो बीघा में 11 हजार पौधे लगाए गए। लगभग दो महीने में ही फूल और फिर मिर्च लगनी शुरू हो गई। कीटों-रोगों से फसल को बचाने के लिए कीटनाशक व दवाई का प्रयोग ड्रिप व छिड़काव के माध्यम से किया।
Green Chilli Farming Profit: प्रति बीघा एक लाख का मुनाफा
फसल की बिक्री के लिए झालावाड़, झालरापाटन, अकलेरा, बकानी, रायपुर, रटलाई आदि कस्बों में क्विंटल के क्विंटल मिर्ची भेजी जा रही है। वहीं प्रतिदिन मजदूरों की सहायता से सूखी लाल मिर्च की तुड़वाई भी की जाती है। इस तरह प्रति बीघा एक लाख का मुनाफा होने लगा है।