३.आधुनिकीकरण जरुरी है। राजनीति में भी एक क्राईट एरिया होना चाहिए। नेताओं की क्वालिफिकेशन तय हो। देश में हर दो-तीन महीने में चुनाव हो रहे हैं। इससे देश के करोड़ो रुपय का नुकसान होता है। चुनाव आयोग इस दिशा में भी सोचे। राजनेता ऐसा हो जो आमजन की परेशानी समझ सकें। किसानों की फसले लोकल स्तर पर ही बेचने की व्यवस्था होनी चाहिए। किसान खुशहाल होगा तभी देश प्रगति करेगा।
उत्कर्ष, एबीबीएस छात्र।
४.युवाओं को स्वयं को जागरूक होना होगा। तभी राजनीति में सुधार संभव हो पाएगा। जनहीत के मुद्दों को युवाओं को उठाने के लिए चेंजमेकर की जिम्मेदार लेनी होगी।
चन्द्रेश कंवर, प्रसिडेंट, एमबीबीस।
५.युवा जैसा सोचता है वैसा ही करता भी है। आज युवाओं को सही दिशा में सोचने की जरुरत है। युवा देश की राजनीति के बारे में सोचे निश्चित रूप से बदलाव होगा।
दिनेश सुमन, छात्रसंघ अध्यक्ष पीजी महाविद्यालय,झालावाड़।
६.आज राजनीति में वंशवाद हावी है। युवाओं को राजनीति से पर्दा उठाना होगा। जनप्रतिनिधि के चयन में यह देखा जाए कि उसकी योग्यता क्या है, अपराधिक भूमिका तो नहीं है। अब समय बदल रहा है स्वयं को जागरूक होना होगा।
अक्षय गोयल, छात्र एबीबीएस फाइनल।
७. आजादी के बाद से लेकर अभी तक बहुत बदलाव हुए है। हम नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप लगाते है कि यह नहीं किया वह नहीं किया। सोसायटी जो चाहे वह हो सकता है। लेकिन जनता आवाज उठाती ही नहीं है। इसके चलते राजनेता राजनीति का फायदा उठाते हैं, वह सोचते है कोई बात होगी तो चारदिन बाद स्वत: सामान्य स्थिति हो जाएगी।लेकिन अब युवाओं को देश के विकास के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी।
उमंग गोसाई, एबीबीएस छात्रा।
उत्कर्ष, एबीबीएस छात्र।
४.युवाओं को स्वयं को जागरूक होना होगा। तभी राजनीति में सुधार संभव हो पाएगा। जनहीत के मुद्दों को युवाओं को उठाने के लिए चेंजमेकर की जिम्मेदार लेनी होगी।
चन्द्रेश कंवर, प्रसिडेंट, एमबीबीस।
५.युवा जैसा सोचता है वैसा ही करता भी है। आज युवाओं को सही दिशा में सोचने की जरुरत है। युवा देश की राजनीति के बारे में सोचे निश्चित रूप से बदलाव होगा।
दिनेश सुमन, छात्रसंघ अध्यक्ष पीजी महाविद्यालय,झालावाड़।
६.आज राजनीति में वंशवाद हावी है। युवाओं को राजनीति से पर्दा उठाना होगा। जनप्रतिनिधि के चयन में यह देखा जाए कि उसकी योग्यता क्या है, अपराधिक भूमिका तो नहीं है। अब समय बदल रहा है स्वयं को जागरूक होना होगा।
अक्षय गोयल, छात्र एबीबीएस फाइनल।
७. आजादी के बाद से लेकर अभी तक बहुत बदलाव हुए है। हम नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप लगाते है कि यह नहीं किया वह नहीं किया। सोसायटी जो चाहे वह हो सकता है। लेकिन जनता आवाज उठाती ही नहीं है। इसके चलते राजनेता राजनीति का फायदा उठाते हैं, वह सोचते है कोई बात होगी तो चारदिन बाद स्वत: सामान्य स्थिति हो जाएगी।लेकिन अब युवाओं को देश के विकास के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी।
उमंग गोसाई, एबीबीएस छात्रा।
८. आज नेता विकास की जगह पाटियों में एक दूसरे की टांग खिंचाई ज्यादा करते हैं। अनुभव से ज्यादा कुछ नहीं होगा। पढ़े-लिखे साफ छवि के युवाओं को राजनीति में आना होगा।हर भारतीय यह सोचे के मैं पहले भारतीय हॅू बाद में जाति, धर्म। तभी राष्ट्रपिता गांधी का सपना पूरा होगा।
अरोमा दौलतानी, एबीबीएस छात्रा।
अरोमा दौलतानी, एबीबीएस छात्रा।
९.वर्तमान में लोकतंत्र रसातल में पहुंच गया है।भारत का भविष्य युवाओं के हाथ में है। युवाओं में जोश होता है उनकी शक्ति को सही दिशा में लगाई जाएं। जातिवाद व धर्म की राजनीति समाप्त हो। नेता अपने पूरे कार्यकाल का हिसाब देंवे। तभी बदलाव संभव है।
नीकिता राठौर, एबीबीएस छात्रा।
१०. आज राजनीति में सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया जा रहा है। युवाओं को भ्रमित किया जाता है। लेकिन युवाओं को जागरूक रहकर अपना फैसला स्वयं लेना होगा। तभी देश की राजनीति में बदलाव संभव है।
धीरज, एमबीबीएस छात्र।
११. चिकित्सा सेवा के साथ युवा राजनीति में आकर भी देश सेवा कर सकते हैं। देश के लिए युवाओं को आगे आना होगा।
भवानीसिंह, एबीबीबीएस छात्र।
१२.महाराष्ट्र में किसानों ने बदलाव के लिए शांत तरीके से एक संदेश दिया है। युवा भी देश में राजनैतिक बदलाव ला सकते हैं।
अजीत भिंडा, एबीबीएस छात्र।