International Day for Older Persons 2018: बुजुर्गों को बीमारियों से बचने को दिए ये टिप्स
थीम रही ‘सेलीब्रेटिंग ओल्डर ह्यूमन राइट्स चैम्पियंस’
International Day for Older Persons 2018: बुजुर्गों को बीमारियों से बचने को दिए ये टिप्स
झांसी। विश्व वृद्ध दिवस International Day for Older Persons 2018 के अवसर पर नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर ऑफ एल्डेर्ली के अंतर्गत मुक्ता काशी मंच के समीप स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें करीब 450 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने अपने मधुमेह, ब्लडप्रेशर एवं हाइपरटेंशन की जांच कराई। इसके साथ ही सभी को गैर संचारी रोगों जैसे मधुमेह, रक्तचाप, अल्ज़ाइमर्स व हाईपरटेंशन आदि के बारे में जागरूक भी किया गया। उन्हें इनसे बचाव के लिए जरूरी टिप्स भी दिए गए।
सन् 1990 में शुरू हुई इस दिवस की शुरूआत
अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाने की शुरुआत सन् 1990 में की गई थी। विश्व में बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अन्याय को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 14 दिसंबर 1990 को यह निर्णय लिया गया। तब यह तय किया गया कि हर साल 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाएगा और 1 अक्टूबर 1991 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस या अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) का शुभारंभ 2010 में किया गया था। इसका उद्देश्य पहुंच से परे बुजुर्गों को राज्य स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के विभिन्न स्तरों के माध्यम से व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस की थीम “सेलिब्रेटिंग ओल्डर ह्यूमन राइट्स चैम्पियंस” निर्धारित की गयी।
बुजुर्गों में बढ़ जाती है इन रोगों की संभावना
डा आरएस वर्मा ने बताया कि 60 साल से ऊपर बहुत से वरिष्ठ नागरिकों में गैर संचारी रोगों जैसे कि मधुमेह, रक्तचाप, अल्ज़ाइमर्स, हाइपरटेंशन आदि बीमारियों के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वहीं, अधिकतर लोगों में थोड़े से चलने में ही थकावट महसूस होने लगती है। इसका कारण पूरी नींद न ले पाना, बहुत अधिक चिंता करना तथा अकेलेपन में रहने से भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार की समस्याओं को दूर करने एवं परामर्श लेने के लिए जिला चिकित्सालय में विशेष वृद्ध वार्ड स्थापित किया गया है। इस क्लीनिक में निःशुल्क दवा एवं परामर्श दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विश्व वृद्ध दिवस के अवसर पर प्रत्येक ब्लॉक के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम किए गए। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को वॉकिंग स्टिक व वॉकर वितरित किए गए।
उच्च रक्तचाप- जब शरीर में रक्त का संकुचन दाब (सिस्टोलिक) 140 या उससे अधिक तथा विमोचन दाब (डाईस्टोलिक) 90 या उससे अधिक हों तो उच्च रक्तचाप कहा जाता है।
लक्षण
· चिड़चिड़ापन
· घबराहट
· सिरदर्द
· चक्कर आना
· मितली आना
· आवाज व दृष्टि में परिवर्तन और नींद न आना
मधुमेह – जब किसी व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज या शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तो उसे मधुमेह रोग कहा जाता है।
लक्षण –
· हाथ पैर में सुन्नपन
· अधिक प्यास लगना
· वजन का कम होना
· अधिक भूख लगना
· थकान-कमजोरी आना
· अधिक बार पेशाब आना
· घाव भरने में अधिक समय लगना
ऐसे करें बचाव-
-शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अत्यंत चिंता से बचें।
-धूम्रपान, मदिरापान, वसा एवं चिकनाई युक्त भोजन से परहेज करें।
-नियमित व्यायाम, आधे घंटे तक टहलना, नियमित दिनचर्या का पालन, संतुलित भोजन, प्रतिदिन छह से सात घंटे तक की निद्रा और आराम जरूर करें।
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