चार बेटियों ने निभाई पिता के अंतिम संस्कार की रस्म, अर्थी को दिया कंधा, भाई को आसपास फटकने तक न दिया
झांसी. Daughters perform Funeral of Father. पूरा प्रदेश इस वक्त कोरोना से कांप रहा है। स्थिति यह है कि अंतिम समय में भी खून के रिश्ते चार कंधे देने से कतरा रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के झांसी में इससे उलट एक दूसरे तरह का मामला सामने आया है। यहां पिता की अर्थी को उनकी चार बेटियों ने कंधा दिया। श्मशान घाट में विधि विधान से मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की रस्म भी निभाई। गौर करने वाली बात यह है कि मृतक के पुत्र होते हुए भी बेटियों ने अर्थी को कंधा दिया। बहनों ने भाई व भाभी को पिता के शव के आसपास फटकने तक न दिया।
बेटियों ने किया अंतिम संस्कार दरअसल, झांसी में डडियापुरा गल्ला मंडी रोड निवासी गोरे लाल साहू की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही उसकी चारों बेटियां (शोभा, संगीता, लेखनी और स्वाति) मायके पहुंचीं और पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई। बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर श्याम चौपड़ा स्थित श्मशान घाट तक पहुंचाया और फिर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
पिता को प्रताड़ित करता था भाई पिता का अंतिम संस्कार करने वाली एक बेटी संगीता ने कहा कि उनका भाई पिता को प्रताड़ित करता था। वह पिता की देखभाल नहीं करता था, इसलिए चारो बहनों ने पिता की देखभाल की और खुद ही अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया। चारों बहनों ने तय किया कि वे भाई को शव को हाथ तक नहीं लगाने देंगी। सबने मिलकर अंतिम संस्कार की रस्म निभाई। भाभी को भी इससे दूर ही रखा।