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झांसी

पांच साल से सूखे बुंदेलखंड में उम्मीदों की बारिश, बांध लबालब और नदियां उफनाईं

पांच साल से सूखे बुंदेलखंड में उम्मीदों की बारिश, बांध लबालब और नदियां उफनाईं

झांसीSep 02, 2018 / 04:17 pm

BK Gupta

rain in bundelkhand

पांच साल से सूखे बुंदेलखंड में उम्मीदों की बारिश, बांध लबालब और नदियां उफनाईं

झांसी। पांच साल से सूखे के हालात झेल रहे बुंदेलखंड पर प्रकृति इन दिनों मेहरबान नजर आ रही है। इस बार यहां जमकर बारिश हो रही है। पिछले चार दिन में ही अप्रत्याशित बारिश हुई है। इससे बांध और तालाब लबालब हो गए और नदियां उपनाने लगीं। जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी का कहना है कि इस बार अब तक अच्छी बारिश हो चुकी है। यह सूखे बुंदेलखंड के लिए शुभ संकेत है। उनका कहना है कि लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
ये रही है पिछले पांच साल की स्थिति
अब तक हुई बारिश में पिछले पांच साल का रिकार्ड टूट गया है। वर्ष 2013 के बाद पहली बार जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 600 मिलीमीटर के पार पहुंचा है। जिले में औसत बारिश का मानक 800 से 900 मिलीमीटर माना जाता है। हालांकि, इतना बारिश कभी-कभी ही होती है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में ही जिले का बारिश का आंकड़ा 1300 मिमी तक पहुंचा था। उसके बाद से लगातार बुंदेलखंड के हालात खराब चल रहे हैं। वर्ष 2014 में जिले में करीब 542 मिमी बारिश हुई। इसके बाद 2015 में बारिश का यह आंकड़ा गिरकर 470 पर आ गया। इसके बाद 2016 में फिर करीब 560 मिमी बारिश हुई। इससे सबसे ज्यादा दयनीय हालत तो 2017 में रही। वर्ष 2017 में केवल 386 मिमी बारिश हुई। इस बार अभी तक कंट्रोल रूम के आंकड़ों के अनुसार करीब 650 मिमी बारिश हो चुकी है।
सूखे पड़े बांध और तालाबों में आया पानी
लगातार पांच साल से पड़ रहे सूखे के कारण ज्यादातर बांध और तालाब खाली हो चुके थे। ऐसे में जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा था। इसमें सबसे खराब स्थिति में बरुआसागर की झील और मऊरानीपुर का सपरार बांध था। उधर, भसनेह की बढ़वार झील की भी स्थिति अच्छी नहीं थी। इसमें से बरुआसागर की झील तो उसके ऊपर मध्यप्रदेश की सीमा में एक बांध बन जाने के कारण खराब स्थिति में आ गई थी। इस बार लगातार की बारिश से हुए उस बांध के ओवरफ्लो के कारण बरुआसागर की झील की रौनक लौट आई है। उधर, यही स्थिति मऊरानीपुर के सपरार बांध की थी। वहां मध्यप्रदेश में जतारा के पास एक डैम बन जाने के कारण बांध खाली था, लेकिन लगातार हुई बारिश ने इस बांध को भर दिया। बांधों और तालाबों में पर्याप्त पानी आ जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, इस बारिश के कारण हुए जल भराव से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा है।

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