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किसानों के लिए खुशखबर: अब पाळा भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा सरसों का

locationझुंझुनूPublished: Mar 17, 2023 05:05:57 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

अब पाळा भी सरसों का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल (आईसीएआर) की ओर से विकसित सरसों की किस्म सीएस 60 का शेखावाटी सहित राजस्थान के अनेक जिलों में प्रयोग सफल रहा है।

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झुंझुनूं। अब पाळा भी सरसों का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल (आईसीएआर) की ओर से विकसित सरसों की किस्म सीएस 60 का शेखावाटी सहित राजस्थान के अनेक जिलों में प्रयोग सफल रहा है। राजस्थान सरकार के कृषि ग्राह्य केन्द्र आबूसर (एटीसी) में इस सीजन में सीएस 60 सरसों की बुवाई की गई। इसे क्रॉप कैफेटरिया में उगाया गया। इसी के निकट सरसों की गिर्राज व अन्य किस्में भी उगाई गई। इस बार पड़े पाळे के कारण अन्य किस्मों में 50 से 90 फीसदी तक नुकसान हो गया। लेकिन सीएस साठ किस्म में पाळे का एक प्रतिशत नुकसान भी नहीं हुआ।

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