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8 साल बाद मिला मां का खोया लाल, फिर कहानी में दिखा नया मोड़- अब होगा रोहित का डीएनए टेस्ट

अचानक आए मोड़ को देखते हुए गुरुवार को बालक को वापस बुलाकर बाल संप्रेक्षण में रखा गया है। जबकि अब रोहित का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा…

झुंझुनूJan 04, 2018 / 09:45 pm

पुनीत कुमार

missing child of mandrella
मण्ड्रेला। यह घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। आठ साल पहले दो बालक एक दिन अचानक अपने घर से गायब हो जाते हैं। उनमें से एक बालक वापस मिल जाता है। फिर घर के कुछ सदस्य खुश होते हैं तो कुछ संशय करते हैं। 8 साल में बहुत कुछ बदल गया। जिसके बाद तय किया कि बालक का डीएनए टेस्ट कराया जाए। तभी टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही एक और परिवार आ जाता है। वह कहता है यह बालक तो हमारा है।
रोहित का होगा डीएनए टेस्ट-

मंड्रेला कस्बे में कुछ दिन पहले मिले एक बालक के मामले में नया मोड़ देखने को मिला है। सिरसा के एक परिवार ने उसे अपना बेटा बताया है। इसको लेकर संबंधित थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाने की बात कही जा रही है। अचानक आए मोड़ को देखते हुए गुरुवार को बालक को वापस बुलाकर बाल संप्रेक्षण में रखा गया है। साथ ही शुक्रवार को रोहित को अपना बेटा होने का दावा करने वाले दंपती को बुलाया गया है। हालांकि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा।
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ऐसे आया मामले में नया मोड़-

दरअसल, मंगलवार को इस मामले गुमशुदा दूसरे बच्चे गौरव की खोज में थानाधिकारी बजरंगलाल मीणा ने एचसी ताराचंद जांगिड़ के नेतृत्व में टीम भेजी। साथ में सिपाही मदनलाल, लापता बालक गौरव भार्गव के पिता सुधीर भार्गव, रघुवीर सिंह लांबा एवं जयपाल सिंह निर्वाण, रोहित एवं उसके परिजन साथ गए थे। तलाश के दौरान उन्हें वहां पर रोहित के लापता होने के पोस्टर लगे मिले। उक्त पोस्टर में मिले नंबरों पर बात करने पर रोहित पुत्र रोशनलाल गांव मीरपुर कॉलोनी एयर फोर्स स्टेशन के सामने सिरसा की जानकारी सामने आई। थानाधिकारी मीणा ने बताया कि सिरसा थाने में 28 अक्टूबर को बालक के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज है। इसके अलावा जगह-जगह गुमशुदगी के पंपलेट लगे हुए हैं। तो वहीं पुलिस के बालक की फोटो दिखाने पर माता-पिता ने इसे पहचान लिया है।
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8 साल पहले गुम हुए थे मासूम-

आठ साल पहले जून 2009 में दो मासूम बालक रोहित भार्गव (5) और गौरव निर्वाण गुम हो गए थे। काफी तलाश के बाद में भी उनका कोई सुराग नहीं लगा। एसओजी भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई थी। लेकिन एक दिन अचानक नवंबर माह में रोहित भार्गव के परिवार से बबलू भार्गव अपने ससुराल भटिंडा गया था। सिरसा रेलवे स्टेशन पर उसे अपने परिवार में गुम हुए रोहित के शक्ल का बच्चा मिला। शक्ल सूरत मिलने और रेलवे स्टेशन पर लावारिस मिलने पर पुलिस को सूचित किया। फिर उसके बाद उक्त बच्चे को बबलू भार्गव मण्ड्रेला ले आया। जहां थाने में उसे परिजनों और अन्य जानकारों ने पहचान लिया। तब से बच्चा महेन्द्र भार्गव के घर ही रह रहा था।

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