scriptराखी के दिन भाई की शहादत की खबर सुन बहन हुई बेसुध, मासूम बच्चों को भी नहीं पता कि पापा नहीं रहे | On The Day Of Raksha Bandhan Soldier Rajendra Bhambu Martyred In The Terrorist Attack In Rajouri | Patrika News
झुंझुनू

राखी के दिन भाई की शहादत की खबर सुन बहन हुई बेसुध, मासूम बच्चों को भी नहीं पता कि पापा नहीं रहे

बहन अपने भाई की कलाई पर उसकी रक्षा के लिए राखी बांधने आती, लेकिन उसे क्या पता भाई की मौत पर आना होगा। रक्षाबंधन के दिन राजोरी में राजेंद्र सिंह भाम्बू के शहीद होने की खबर सुन उनकी बहन मुकेश बेसुध हो गई।

झुंझुनूAug 12, 2022 / 09:53 am

santosh

On Raksha Bandhan The Sister Became Insensible After Hearing The News Of Brother's Martyr And Innocent Children Don't Know That The Father Is No More

अनुज शर्मा/बगड़। कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले में 48 वर्षीय राजेन्द्र भाम्बू भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन के दिन शहीद हो गए। बहन अपने भाई की कलाई पर उसकी रक्षा के लिए राखी बांधने आती, लेकिन उसे क्या पता भाई की मौत पर आना होगा। रक्षाबंधन के दिन राजोरी में राजेंद्र सिंह भाम्बू के शहीद होने की खबर सुन उनकी बहन मुकेश बेसुध हो गई। भाम्बू का छोटा भाई राजेश जयपुर में शिक्षक हैं। बहन मुकेश पिलानी में रहती है। शाहीद राजेन्द्र की पत्नी तारामणी दो बेटियों प्रिया, साक्षी तथा बेटा अंशुल के साथ गांव में रहती है।

मालीगांव के राजेन्द्र भाम्बू के घर बेटी की शादी की तैयारियां चल रही थीं। घर में सब खुशी-खुशी शादी की तैयारियों में लगे थे। राजेन्द्र खुद पिछले महीने ही यहां आकर गए थे और मकान का काम शुरू करवा कर गए थे। लेकिन राजौरी में हुए आतंकी हमले ने सबकुछ बदल दिया। राजेन्द्र शहीद हो गए। उनका शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजेन्द्र के शहीद के होने की सूचना के साथ ही गांव में खुशियों भरा माहौल अचानक गम में बदल गया। छोटे भाई राजेश ने बताया कि बेटी की शादी की तैयारियों को लेकर बड़ा भाई राजेन्द्र पिछले महीने ही गांव आकर गया था। भाई ने ही यहां मकान का काम शुरू करवाया। घर में सब खुशी-खुशी शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। यह कहते हुए राजेश की आंखें छलक पड़ी।

गांव में शोक की लहर:
शहीद राजेन्द्र भाम्बू के दो बेटी व एक बेटा है। बड़ी बेटी प्रिया 20 साल की है। उसने एमएसी कर ली, उसी की शादी की तैयारियां चल रही थीं। छोटी बेटी साक्षी बीएससी फाइनल में है। बेटा अंशुल 11 साल का है जो पढ़ाई कर रहा है। तीनों बच्चें जयपुर में अपने चाचा राजेश के पास रहकर पढ़ाई कर रहे है। शहीद की पत्नी तारामणि बुडानिया में महात्मा गांधी पुस्तकालय में नौकरी करती हैं। फिलहाल उन्हें राजेन्द्र के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है। गांव के बिजेंद्र भाम्बू ने बताया कि शहीद राजेन्द्र भाम्बू की घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही गांव में शोक की लहर है। शुक्रवार को उनकी अंतेष्टि से पहले बगड़ से मालीगांव में शहीद के घर तक तिरंगा बाइक रैली निकाली जाएगी। उस दौरान शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पवर्षा की जाएगी। शुक्रवार को गांव के सभी प्रतिष्ठान व शिक्षण संस्थाएं बंद रहेगें। गांव में साफ-सफाई व अन्य तैयारियां कर ली गई है। अंतेष्टि में प्रशासनिक व सेना के अधिकारियों सहित अन्य कई लोग मौजूद रहेंगे।

 

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हंसमुख प्रवृति के थे:
झुंझुनूं जिले के मालीगांव का लाल राजेन्द्र भाम्बू मातृभूमि के लिए शहीद हुआ है। उनका शुक्रवार को पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद के भाई राजेश सिंह ने बताया कि घटना के बाद सेना के साथ वालों ने इनके गांव के चार जवान जो 11 राज राइफल बटालियन में हैं, उनको घटना की जानकारी दी। तब गांव में घटना की जानकारी लगी। अजीत भाम्बू व परिजन ने बताया कि राजेन्द्र भाम्बू अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे। छोटा भाई राजेश जयपुर में सरकारी शिक्षक है। जबकि बहन मुकेश पिलानी में रहती है। विनम्र स्वभाव व हंसमुख प्रवृति के राजेन्द्र भाम्बू सभी के साथ मिलनसार तरीके से रहते थे। वे जब भी गांव में छुटटी बिताने आते तो अपने परिचित लोगों की कुशलक्षेम पूछते व उनकी सहायता के लिए तत्पर रहते थे। शहीद राजेंद्र भाम्बू के पिता बदरुराम भी जाट रेजिमेंट में रहकर देश की सेवा कर चुके है।

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