दिल्ली में भी अभी तक 372 शिक्षण संस्थानों को ही स्मोक फ्री घोषित किया गया है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) से जुड़े राजन चौधरी ने बताया कि कई सर्वे में सामने आया है कि अधिकतर बच्चे स्कूल कॉलेज में ही धूम्रपान करना सीखते हैं। इस दौरान अगर उनको लत नहीं लगती तो फिर उनमें से अधिकांश बड़े होकर धूम्रपान नहीं करते हैं।
शिक्षण संस्थानों को स्मोक फ्री घोषित करना सुखद है। इसके दूरगामी परिणाम बेहतर होंगे। विश्व स्वास्थ्यम संगठन और भारत सरकार की ओर से करवाए गए वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के दूसरे चक्र के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ तम्बाकू उपभोगकर्ता हैं। उनमें से लगभग 17 करोड़ मूलत: चबाने वाली तम्बाकू खाते हैं। लगभग दस करोड़ धूम्रपान करने वाले हैं। इनमें 3.2 करोड़ वे व्यस्क भी हैं जो चबाने वाली तम्बाकू खाने के साथ धूम्रपान भी करते हैं।