पुलिस के अनुसार भोदन गांव के भल्लागिरी आश्रम महंत छोटेसिंह उर्फ लखनदास व साध्वी अनुसुइयादास ने ही साधु विशिष्ठ गिरी व सेवादार गौतमसिंह की हत्या की थी। आरोपी साधु व साध्वी ने पहले विशिष्ठ गिरी के साथ बैठकर शराब पी थी। बाद में साध्वी ने खाना परोसा तो विशिष्ठ गिरी को खाने में जहर मिलाने का शक हुआ। इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई। इस पर साधु व साध्वी ने ईंट व लकड़ी से सिर पर वार कर विशिष्ठ गिरी की हत्या कर दी। उसी समय विशिष्ठ गिरी के सेवादार गौतमसिंह का वहां आना हो गया। राज खुलता देख लखनदास ने गौतम की टी-शर्ट से उसका गला घोंट कर हत्या कर दी। दोनों की हत्या कर शव फेंकने के बाद साधु-साध्वी फरार हो गए। वह नेपाल भागने की फिराक में थे। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।
शवों को ठिकाने लगाने के लिए साधु की कार का इस्तेमाल
आरोपी जिस गाड़ी में शव को लेकर गए थे, वह भी मृतक विशिष्ठ गिरी की थी। आरोपी लाश को ठिकाने लगाने के बाद कार भी अपने साथ ले गए थे। दोनों शव को हरियाणा सीमा पर नावता गांव की ढाणी के पास ईंट-भट्टे के पास बने गड्ढ़ों में डाल दिया ताकि दो राज्यों की सीमा समझकर पुलिस उलझी रहे। पुलिस ने कार को भी बरामद कर लिया है।
130 सीसीटीवी खंगाले, तब जाकर आए पकड़ में
आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने 130 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसी आधार पर 500-600 किलोमीटर पीछा कर दोनों आरोपियों लखनदास व अनुसुइया को यूपी के लखनदास के गांव मोहररा, गुस्साईगंज जिला कन्नौज में मकान से गिरफ्तार किया गया।