नवरात्रों में छोटा पड़ जाता है मंदिर
भोड़की में जमवाय माता का मंदिर मे करीब 150 के लगभग पक्के मकान सहित हजारों फीट टीन शेड लगे हुए है। नवरात्रों में मंदिर में इतनी श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ होती है कि मंदिर छोटा पड़ जाता है। सचिव नेमीचंद जांगिड़ ने बताया कि नवरात्रों में दोनों समय पूजा आरती होती है एवं भंडारा चलता है। आठवें नवरात्रे के दिन माता की कलश यात्रा भोड़की गांव से निकलती है। नौवे नवरात्रे को माता के भोग लगेगा। जांगिड़ ने बताया कि इस बार 11 अक्टूबर को भजन संध्या का आयोजन होगा। जिसमें सूरत के प्रसिद्ध गायक कलाकार भजनों की प्रस्तुति देंगे।
गांव से निशान लेकर पदयात्रा में आते हैं श्रद्धालु
नवरात्रों में अष्टमी की शाम को गांव से गढ़वाल और जांगिड़ समाज की अगवानी में सपूर्ण गांव के लोग पदयात्रा से निशान लेकर डीजे ओर चंग की धुन पर नाचते गाते मंदिर में आते है। मंदिर में निशान चढ़ने के बाद ही मंदिर में कार्यक्रम शुरू होते है। जमवाय माता का मेला दो रोज तक भरता है। इसके साथ ही काफी श्रद्धालु मंदिर में बैठ कर नवरात्रे भी करते है। जो नो दिन तक माता के मंदिर में ही रहते है।
श्रद्धालुओं के लिए बना है अतिथि भवन
मंदिर के पास ही जमवाय माता अतिथि भवन बना है। जिसमे नवरात्रों में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क सेवा रहती है। जिसका संचालन जमवाय माता चैरिटेबल ट्रस्ट की और से होता है। ट्रस्टी दिलीप केजड़ीवाल ने बताया कि अतिथि भवन मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क रहता है।