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झुंझुनू

इस खबर में जानिए रीट का पेपर क्यों आया सरल, कितनी रहेगी कटऑफ

एक्सपर्ट की मानें तो इस बार औसत तौर पर दोनों लेवल में 117 से 125 अंकों तक कट ऑफ पहुंच सकती है। पुराने रीट व आरटेट प्रमाण पत्रों की वैद्यता समाप्त होने सहित कई कारणों की वजह से इस बार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रश्न पत्र का स्तर औसत ही रखा।

झुंझुनूSep 27, 2021 / 10:58 pm

Rajesh

इस खबर में जानिए रीट का पेपर क्यों आया सरल, कितनी रहेगी कटऑफ

इस खबर में जानिए रीट का पेपर क्यों आया सरल, कितनी रहेगी कटऑफ

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झुंझुनूं. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए प्रदेशभर में रविवार को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के आसान प्रश्न पत्र ने भावी शिक्षकों की उम्मीदों को पंख लगा दिए। आसान प्रश्न पत्र से रीट के दोनों लेवलों की कट ऑफ में उछाल आने की पूरी उम्मीद है। एक्सपर्ट की मानें तो इस बार औसत तौर पर दोनों लेवल में 117 से 125 अंकों तक कट ऑफ पहुंच सकती है। पुराने रीट व आरटेट प्रमाण पत्रों की वैद्यता समाप्त होने सहित कई कारणों की वजह से इस बार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रश्न पत्र का स्तर औसत ही रखा। इससे ज्यादा बेरोजगार नौकरी की दौड़ में बने रहेंगे।

गणित-विज्ञान: शिक्षण विधियों के पांच सवाल कम पूछे गए

रीट द्वितीय लेवल में गणित-विज्ञान के पांच सवाल कम पूछे गए। पिछली रीट भर्तियों के हिसाब से शिक्षण विधियों के 18 से 20 प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन रीट 2021 में गणित-विज्ञान में शिक्षण विधियों से 13 ही सवाल पूछे गए। ऐसे में शिक्षण विधियों की बेहतर तैयारी करने वाले अभ्यर्थी मायूस नजर आए। शिक्षण विधियों के बदले प्रश्न पत्र में विषय के ज्यादा प्रश्न पूछे गए।
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अंग्रेजी: तीन सवाल आऊट ऑफ सिलेबस पूछे गए
जिन अभ्यर्थियों ने द्वितीय भाषा के तौर पर अंग्रेजी को चुना है उसमें तीन सवाल आऊट ऑफ सिलेबस पूछे गए। अभ्यर्थियो ने इस मामले में आपत्ति भी उठाई है।
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सामाजिक विज्ञान में सबसे ज्यादा मारामारी
इस बार वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को भी सामाजिक विज्ञान में शामिल किया गया है। लगभग आठ लाख से ज्यादा अभ्यर्थी इसी श्रेणी के है। ऐसे में इस वर्ग में सबसे ज्यादा कट ऑफ रहेगी। पिछली भर्ती के मुकाबले चार से पांच नंबर तक कट ऑफ में उछाल आ सकता है।
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अंग्रेजी में सबसे कम रहेगी टक्कर

अंग्रेजी विषय में इस बार भी कट ऑफ कम रहने का अनुमान है। एक्सपर्ट का कहना है कि स्नातक में अंग्रेजी विषय होने, भाषा में अंग्रेजी विषय होने की अनिवार्यता की वजह से इस बार की भर्ती में भी कट ऑफ में ज्यादा अतंर नहीं आएगा। हालांकि पिछली भर्ती में एडिशनल अंग्रेजी डिग्री वालों को भी न्यायालय के निर्णय के आधार पर नौकरी दी गई थी।
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प्रथम लेवल: उम्मीदों से आसान रहा पेपर
रीट प्रथम लेवल का प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों की उम्मीदों से भी आसान रहा। ऐसे में द्वितीय लेवल के अभ्यर्थी प्रथम लेवल के अभ्यर्थियों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि प्रथम लेवल में हिन्दी का पार्ट सबसे कठिन रहा। इसके अलावा अंग्रेजी, संस्कृत, गणित व पर्यावरण अध्ययन से काफी आसान सवाल पूछे गए।
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अभ्यर्थियों के सवाल, और एक्सपर्ट का जवाब
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सवाल: रीट प्रथम लेवल में बीएड डिग्रीधारियों के आने से कट ऑफ बढ़ेगी।
जवाब: अभी न्यायालय के आदेश पर प्रथम लेवल में बीएड डिग्रीधारी शामिल हुए है। अंतिम फैसला आना अभी बाकी है। एसएसटी के अभ्यर्थियों के लिए प्रथम लेवल की राह आसान नहीं रही। प्रथम लेवल में गणित-विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों के लिए राह जरूर आसान रही। लेकिन यदि किसी अभ्यर्थी का दोनों लेवल में चयन होता है तो नौकरी तो एक ही लेवल में कर सकेंगे। इसलिए प्रतीक्षा सूची आने पर मौका मिल सकेगा।
सवाल: अधिकृत आंसर की कब तक जारी होगी।
जवाब: बोर्ड के पिछले रेकार्ड के हिसाब से रीट की अधिकृत आंसर की सात से 15 दिन के भीतर जारी होती है। इसके बाद आपत्ति भी मांगी जाएगी।
सवाल: रीट में यदि अच्छा स्कोर बनता है तो फिर नौकरी के लिए आवेदन कैसे कर सकेंगे।
जवाब: प्रांरभिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तावित 31 हजार पदों के लिए विज्ञप्ति निकाली जाएगी। इसमें सभी रीट पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
सवाल: रीट के आवेदन में मूल निवास के पते में गलती हो गई। अब कोई समाधान हो सकता है क्या।
जवाब: शिक्षक भर्ती के आवेदन के समय स्थायी व अस्थाई पता दुबारा भरने का मौका मिलेगा। यदि रीट के आवेदन में भी गलती है तो बोर्ड कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है। रीट प्रमाण पत्र पर वैसे भी पता लिखा हुआ नहीं आता।
सवाल: रीट में किस विषय के कितने पद है। यह कब तक पता लगेगा।
जवाब: शिक्षक भर्ती 2021 में ही पदों का वर्गीकरण दिया जाएगा। इसके आधार पर ही पदों का पता लग सकेगा। फिलहाल 31 हजार पद तय है। राज्य सरकार पदों में बढ़ोतरी कर सकती है। लेकिन अभी इसकी संभावना काफी कम है।
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पत्रिका खास: इस बार आसान क्यों आया रीट का प्रश्न पत्र

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1. ढाई साल से तैयारी में जुटे अभ्यर्थी:

रीट की परीक्षा पांच बार स्थगित हो चुकी थी और अभ्यर्थी लगातार ढ़ाई साल से तैयारी में जुटे थे। कोरोना की वजह से हजारों अभ्यर्थियों की तैयारी भी प्रभावित हुई। इस वजह से बोर्ड ने औसत विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए दोनों लेवल का आसान पत्र तैयार कराया।
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2. निजी स्कूलों में अनिवार्य, इसलिए सरल पेपर:
शैक्षिक अनुसंधान परिषद के अनुसार निजी व सरकारी स्कूलों में रीट पास अभ्यर्थी ही अध्यापन करा सकते है। ऐसे में बोर्ड ने रीट पास कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया है। इससे 90 नंबर के स्कोर को ज्यादा अभ्यर्थी पार कर सकेंगे।
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3. आठ लाख प्रमाण पत्र रद्द:

रीट व आरटेट के आठ लाख प्रमाण पत्र रद्द हो चुके है। ऐसे में भविष्य में यदि इसी रीट के आधार पर दुबारा कोई शिक्षक भर्ती करानी पड़ी तो नए अभ्यर्थियों के बीच भी प्रतिस्पर्धा हो सके। इसलिए आसान पेपर पैटर्न का फॉर्मूला अपनाया गया।
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