दरअसल भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग की ओर से उदयपुर सिटी की एक निजी कंपनी से सर्वे कार्य करवाया जा रहा है। ग्रामणों का कहना है कि उनके खेत में लगी बोरिंग में पहले पानी के साथ केमिकल आया। बाद में बोरिंग का जल स्तर अचानक नीचे चला गया। ग्रामीण पवन शर्मा, सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले चार – पांच दिन से खेत में सिंचाई के लिए लगी बोरिंग में केमिकल का पानी आ रहा है। सर्वे करने वाली टीम को इसकी सूचना देने पर तीन दिन पूर्व इंजीनियर लोकेंद्र सिंह मौके पर आए। लेकिन उनके अनुसार उस समय जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया। उधर काश्तकारों का आरोप है कि उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। सर्वे कंपनी की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही। ऐसे में उनका लाखों रुपए का नुकसान हो गया।
जहाज – मावता में भी हुआ था विरोध इससे पहले जहाज – मावता में भी यूरेनियम सर्वे के दौरान गांव में सिंचाई व पेयजल सप्लाई के लिए लगी बोरिंग में केमिकल आने का मामला सामने आया था। लगभग 6 – 7 वर्ष पूर्व यह मामला विधानसभा में उठा भी था। जलदाय विभाग व भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा इसकी जांच भी की गई लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया।