script10 दिन बाद स्कूल के बच्चें बनाएंगे वर्ल्ड रेकॉर्ड, प्रार्थना सभा में ये होगा खास | World Record Of Rajasthan Schools With 'Surya Namaskar' On February 15 Surya Saptami | Patrika News
झुंझुनू

10 दिन बाद स्कूल के बच्चें बनाएंगे वर्ल्ड रेकॉर्ड, प्रार्थना सभा में ये होगा खास

सूर्य सप्तमी यानी 15 फरवरी के दिन राज्य की सभी स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगा। विश्व रेकॉर्ड बनाने के लिए एक ही समय पूरे राज्य के विद्यार्थी, शिक्षक, उपस्थित अभिभावक,एसडीएमसी के सदस्य प्रार्थना सभा के समय सूर्य नमस्कार की निर्धारित सभी 12 मुद्राएं करेंगे।

झुंझुनूFeb 05, 2024 / 02:31 pm

Akshita Deora

surya_namaskar.jpg

Surya Namaskar In Rajasthan Schools: सूर्य सप्तमी यानी 15 फरवरी के दिन राज्य की सभी स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगा। विश्व रेकॉर्ड बनाने के लिए एक ही समय पूरे राज्य के विद्यार्थी, शिक्षक, उपस्थित अभिभावक,एसडीएमसी के सदस्य प्रार्थना सभा के समय सूर्य नमस्कार की निर्धारित सभी 12 मुद्राएं करेंगे। इसकी तैयारी के लिए विद्यार्थियों को रोजाना 15 फरवरी तक प्रार्थना सभा में अभ्यास भी कराया जाएगा। स्कूलों को सूर्य नमस्कार की सभी 12 मुद्राएं भेजी गई हैं। साथ ही अभ्यास के दौरान सूर्य नमस्कार के लाभों से विद्यार्थियों को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।

संस्था प्रधानों को विद्यार्थियों की आयु तथा स्वास्थ्य संबंधी स्थिति का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को उनके ब्लॉक के सभी शारीरिक शिक्षकों को दक्ष प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलाने को कहा गया है। सूर्य नमस्कार के समय छात्र तथा छात्राओं के अलग-अलग अभ्यास की व्यवस्था करने को कहा गया है। सूर्य नमस्कार के दिन छात्राएं सलवार सूट या ट्रेक सूट में तथा छात्रों को पेंट शर्ट या ट्रेक शूट में आना होगा। इस दिन अभिभावकों, एसडीएमसी सदस्यों तथा अभिभावकों तथा ग्राम वासियों को भी भाग लेने के लिए बुलाया जाएगा। शारीरिक रूप से अस्वस्थ विद्यार्थियों को चिकित्सीय परामर्श के बाद ही शामिल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सूर्य नमस्कार में भाग लेने वाले विद्यार्थियों तथा अन्य के लिए चटाई व अन्य वैकल्पिक व्यवस्था स्कूल में की जाएगी। विश्व रिकॉर्ड के लिए इस कार्य₹म में भाग लेने वाले संभागियों का डाटा शाला दर्पण के माध्यम से उसी दिन 2 बजे तक अपलोड किया जाएगा।

यह भी पढ़ें

देशभर से दूल्हे-दुल्हन शादी करने आएंगे बीकानेर, 400 साल पुरानी परम्परा से होगी 300 शादी






– सूर्य नमस्कार से मस्तिष्क में शुद्ध आक्सीजन पहुंचती है। जिससे अभ्यासी शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से सतर्क, तथा भावनात्मक रूप से संतुलित रहते हैं।
– अंत स्त्रावी, प्रजनन, परिसंचरण, श्वसन तथा पाचन तंत्र सक्रिय रहता है।
– बढ़ते बच्चों में बचपन तथा किशोरावस्था की बीच की अवधि को संतुलित बनाने में मदद मिलती है।
– मेरुदंड और कमर में लचीलापन, भुजाओं और कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
– पाचन को संतुलित तथा पेट के आस-पास की चर्बी को कम कर वजन को संतुलित करता है।
https://youtu.be/dq2ht-kM2WY

Hindi News/ Jhunjhunu / 10 दिन बाद स्कूल के बच्चें बनाएंगे वर्ल्ड रेकॉर्ड, प्रार्थना सभा में ये होगा खास

ट्रेंडिंग वीडियो