महामंदिर दूसरी पोल निवासी अरविंद ने महज छह साल की उम्र से ही हैरतअंगेज कारनामे करना शुरू कर दिया था। उन्हें हैरतअंगेज कारनामे करने की प्रतिभा विरासत में मिली है। उनके दादा गणपतलाल जोशी स्ट्रांगमैन शो करते थे और हरक्यूलिस ऑफ एशिया कहलाते थे। वहीं अरविंद के पिता नंदकिशोर जोशी भी हैरतअंगेज कारनामों के प्रदर्शन के माहिर रहे हैं। अरविंद छोटे थे तब घर में ही चेस्ट पर पत्थर रखकर तोड़ना, जमीन पर कीलें रखकर उस पर लेट जाना जैसे कारनामे करने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने अपने कारनामों की संख्या बढ़ाते हुए योग साधना को भी बढ़ाया। वहीं योग ट्रेनर बनकर अपने कॅरियर की शुरुआत की।
आंख और गर्दन से लोहे की रॉड मोड़ना, गर्म पानी की थैली को मुंह से हवा भरकर फोड़ना, पीतल की परात को हाथ से फाड़ना, तलवार को मुंह से पेट में डालना, 10 बुलेट को रोकना, ट्रक को चेस्ट के ऊपर से निकलवाना, हवाई जहाज को खींचना, रेल का इंजन खींचना, मोटरसाइकिल पर स्टंट करना जैसे सैंकड़ों कारनामे अरविंद कर चुके हैं। उन्होंने टीवी शो ‘एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ में तीन बार, ‘इंडिया गॉट टैलेंट’ में दो बार अपने टैलेंट का प्रदर्शन किया है। वहीं राजस्थान बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में 400 किलो डेडलिफ्ट उठाने व योगा प्रतियोगिता में योग प्रदर्शन करने सहित सैंकड़ों कारनामों के कारण उन्हें राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई बार सम्मानित भी किया गया है।