चंद मिनटों में फेरे और फिर विदाई
गैस के सिलेण्डर फटने से हुए भीषण हादसे में मां को खोने वाला दूल्हा हेमंत सूट-बूट की जगह कमीज व जींस और चप्पल पहने दुल्हन लेने ससुराल पहुंचा। उसके साथ तीन-चार रिश्तेदार भी थे। लक्ष्मण देवड़ा व परिवार के लोगों ने भी पण्डित बुलाया और हेमंत व रितु में सात फेरों की रस्में पूरी करवाई। महज पन्द्रह से बीस मिनट में फेरे हो गए। बाद में गमगीन माहौल में दुल्हन रितु को हेमंत के साथ ससुराल के लिए विदाई दी गई।
गैस के सिलेण्डर फटने से हुए भीषण हादसे में मां को खोने वाला दूल्हा हेमंत सूट-बूट की जगह कमीज व जींस और चप्पल पहने दुल्हन लेने ससुराल पहुंचा। उसके साथ तीन-चार रिश्तेदार भी थे। लक्ष्मण देवड़ा व परिवार के लोगों ने भी पण्डित बुलाया और हेमंत व रितु में सात फेरों की रस्में पूरी करवाई। महज पन्द्रह से बीस मिनट में फेरे हो गए। बाद में गमगीन माहौल में दुल्हन रितु को हेमंत के साथ ससुराल के लिए विदाई दी गई।
लक्ष्मण देवड़ा की एक अन्य पुत्री सुप्रिया की शादी रात को हुई। न खाना और न ही जश्न दुल्हन के मामा राजेश परिहार ने बताया कि हादसे के बाद दूल्हा हेमंत कुछ रिश्तेदार के साथ बारात लेकर आए।
बेटे की बारात से पहले हुआ एेसा धमाका, हिल गया ब्यावर नौ से अधिक की मौत अभी भी मलबे में फंसी कई जिंदगियां पन्द्रह मिनट में फेरों की औपरिचाकताएं पूरी की गई। परिवार के सभी लोग मौजूद थे। शादी के लिए सभी तैयारियां की गई थी। दूल्हा व दुल्हन के लिए स्टेज तैयार किया गया था। एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाए गए थे, लेकिन सभी धरे रह गए।
बता दें कि ब्यावर के नन्दनगर स्थित कुमावत पंचायत भवन में शुक्रवार शाम को चल रहे शादी समारोह के दौरान दो गैस सिलेंडर फट गए। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 17 जनों से अधिक घायल हो गए। तीसरी मंजिल पर जहां सिलेंडर फटे, वहां की छत व दीवारें भरभरा कर नीचे गिर पड़ी। विस्फोट इतना तेज था कि आस-पास के भवनों की खिड़कियां भी टूट कर दूर जा गिरी।
देखते ही देखते हाहाकार मच गया। लोग जान बचाने के लिए भवन से बाहर की और भागे एवं अपने परिचितों की सार संभाल करते नजर आए। कुमावत पंचायत भवन को पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।