पुलिस के अनुसार इसने ये अपराध धार्मिकता के साथ मानसिक अवसाद से ग्रसित होकर किया है। इसने इस्लाम पर खतरे को लेकर अल्लाह की मेहर के लिए अपनी प्रिय चीज कुर्बान करने के इरादे से चार वर्षीय पुत्री को अपने ही हाथों से घर में रखे छुरे से कत्ल कर दिया। आरोपी की मोहल्ले में ही मीट की दुकान है और ये व्यवसाय से भी कसाई है। पुलिस ने इस मामले में परिवार के अलग अलग लोगों से बात करने के साथ एफ एस एल की टीम को मिले साक्ष्यों के आधार पर शनिवार को आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने हत्या के अपराध को कबूल कर लिया।
नवाब अली के इस बयान के बाद इसे लेकर विवाद खडा हो गया है। यहां इस्लाम से जुड़े लोगो ने आरोपी के बयानों को धर्म विरोधी बताते हुए घटना के दूसरे कारणों को छुपाने का आरोप लगाया है। कुरैशी समाज से जुड़े कांग्रेसी नेता अबुल कुरैशी ने आरोपी के बयानों की कड़े शब्दों में निंदा की। मौलवी इंसाफ अली ने हत्या के आरोपी पिता की ओर से दिए बयान को इस्लाम विरोधी बताते कहा कि इस्लाम धर्म में इंसान की कत्ल करना धर्म के विरुद्ध है।
शुक्रवार सुबह मामला उजागर होने के बाद पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राजन दुष्यंत व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटी मौके पर पहुंचे और मुआवने के बाद बिलाड़ा वृत्ताधिकारी सेठराम बंजारा के सुपरविजन में अपराध शाखा प्रभारी पुलिस निरीक्षक मदनलाल रॉयल और थाना प्रभारी राजेश खदाव के नेतृत्व में इस मामले की जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की।