चालान काटे
पुलिस के जाने से रोकने के बाद भी कुछ श्रद्धालु नहीं माने, तब उनके वाहनों के चालान काटे गए । रातानाडा गणेश मंदिर के बाहर भी पुलिस व परिवहन विभाग ने श्रद्धालुओं से भरी हुई बसों व अन्य वाहनों के कई चालान भी बनाए। कायलाना की पहाड़ियों से लेकर बेरी गंगा, अरना झरना सहित पहाड़ों में स्थित कुछ मंदिरों की तरफ जाने से लोगों को रोक दिया ।
यह रहता है परिक्रमा का मार्ग
उल्लेखनीय है हर साल सावन की अमावस्या पर रातानाडा गणेश मंदिर में दर्शनों के बाद भोगीशैल परिक्रमा शुरू की जाती है, जो रिक्तियां भैरुजी मंदिर , मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर, चौपासनी श्याम मनोहर, अरना- झरना, भद्रेशिया, कदमकंडी , बड़ली भैरु मंदिर , बृहस्पति कुंड, बैजनाथ, मंडलनाथ , कुण्डली माता , जोगी तीर्थ , दईजर माता , बेरी गंगा धाम , नींबा तीर्थ , मंडोर देवताओं की साल , काला गोरा भैरु , संतोषी माता मंदिर , कागा तीर्थ और शीतला माता मंदिर होते हुए वापस रातानाडा गणेश मंदिर आकर परिक्रमा पूरी होती है । यह परिक्रमा करने गुरुवार को कई श्रद्धालु पहुंचे। जहां उन्हें कई स्थानों पर पुलिस बल तैनात होने पर परेशानी का सामना करना पड़ा । इससे श्रद्धालुओं को मायूस लौटना पड़ा।
जगह-जगह पुलिस-एसटीएफ तैनात
भारी बारिश में जल भराव की वजह से जनहानि रोकने के लिए शहर के हर प्रमुख धार्मिक, पर्यटन व रमणीय स्थल पर पुलिस और एसटीएफ के जवान तैनात रहे। मण्डोर गार्डन के प्रमुख गेट से लेकर अंदर नागादड़ी झील तक एसटीएफ के सख्त पहरे में रही।
डीसीपी ने परखे सुरक्षा इंतजाम
प्रमुख पेयजल स्त्रोत के साथ पर्यटन स्थल मानीं जाने वाली कायलाना झील के आस-पास तीन दिन से पुलिस व एसटीएफ तैनात है। वहां घूमने आने वालों को वापस भेजा जा रहा है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) गौरव यादव व एडीसीपी (पश्चिम) हरफूलसिंह और अन्य अधिकारी गुरुवार को झील पहुंचे और सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया।