scriptGood News : सबसे पहले राजस्थान में दौड़ेंगी हाई स्पीड ट्रेनें, 220 किमी प्रति घंटा की होगी रफ्तार | India first test track of railways in Rajasthan, Train will run at a speed of 220 kilometers per hour | Patrika News
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Good News : सबसे पहले राजस्थान में दौड़ेंगी हाई स्पीड ट्रेनें, 220 किमी प्रति घंटा की होगी रफ्तार

High Speed ​​Trial Track: इस ट्रैक को पहले सीधा, फिर ब्रिज पर और फिर घुमावदार बनाया जा रहा है, ताकि रेल को हर एंगल से टेस्ट किया जा सके।

जोधपुरMay 27, 2024 / 10:31 am

Rakesh Mishra

High Speed Train
High Speed Train: भारत में हाई स्पीड ट्रेनें सबसे पहले राजस्थान में दौड़ेंगी। दरअसल जोधपुर रेल मण्डल के अधीन प्रदेश के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास देश का पहला हाई स्पीड ट्रायल ट्रैक बन रहा है। अभी तक ट्रायल ट्रैक के निर्माण का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस ट्रैक पर ट्रेनें 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। इस वर्ल्ड क्लास ट्रायल ट्रैक पर हाई स्पीड, वंदे भारत और अन्य सभी रेगुलर ट्रेनों का ट्रायल किया जा सकेगा। साथ ही लोकोमोटिव और कोचों के अलावा इस ट्रैक को हाई स्पीड एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा।

हर एंगल से टेस्ट होगी ट्रेन

इस ट्रैक को पहले सीधा, फिर ब्रिज पर और फिर घुमावदार बनाया जा रहा है, ताकि रेल को हर एंगल से टेस्ट किया जा सके। यह रेलवे ट्रैक 64 किलोमीटर लंबा होगा। 20 किलोमीटर पहले फेज में बन चुका है। दिसंबर 2025 तक इस ट्रैक के बनकर तैयार होने का दावा किया जा रहा है। ट्रायल ट्रैक के प्रथम चरण में टेस्ट ट्रैक व ब्रिज का निर्माण तथा दूसरे चरण में वर्कशॉप, प्रयोगशाला व आवास बनाए जाएंगे।

34 छोटे ब्रिज बनेंगे

इस रेलवे ट्रैक पर टेस्ट के उद्देश्य से 34 छोटे ब्रिज बनेंगे, इनमें से 24 का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 10 का कार्य प्रगति पर है। ट्रैक की भूमि पर 8 रेलवे अंडर ब्रिज में से 3 ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं। ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी। इसमें गुढ़ा में एक हाई स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा। नावां में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा। यहां अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन का ट्रायल होगा। इस परियोजना के लिए गुढा-ठठाणा मीठड़ी क्षेत्र चुनने का प्रमुख कारण यह है कि इस दूरी के बीच पुरानी रेलवे लाइन पहले से बिछी है और रेलवे की पर्याप्त भूमि पहले से ही है, जिसका उपयोग हो सकेगा। इतना ही नहीं उत्तर पश्चिम रेलवे की मानें तो यहां केवल देश की ट्रेनें ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देश भी अपनी रेलों को टेस्ट कर सकेंगे।

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