आरोप है कि 16 नवंबर 2016 को हनुमान सहाय यादव ने फोन कर कहा कि वह बिटकॉइन कंपनी में काम करता है। हरियाणा के गुडग़ांव निवासी इन्द्रजीत यादव की कम्पनी में निवेश करने पर दस से पन्द्रह गुना मुनाफा होने की जानकारी दी। एक कॉइन की कीमत 16 रुपए बताई। तीन से चार माह में 70-80 रुपए प्रति कॉइन कीमत हो जाने का विश्वास दिलाते हुए उसे व अन्य परिचितों को निवेश के लिए उकसाया। शैलेन्द्र ने अपने परिचितों को फोन कर अपने घर बुलाया और मामले की जानकारी दी।
इसके बाद शैलेन्द्र ने 29 लाख रुपए, हनुमानराम ने 5.6 लाख, रूपेश ने 4.8 लाख, रतन ने 5.60 लाख, तुलसाराम ने चार लाख, देवाराम ने 5.60 लाख, ओमप्रकाश ने 3.20, तुलसाराम, ओपी किसनाराम व अशोक ने 5.60-5.60 लाख, पन्नाराम ने दो लाख रुपए, हापूराम ने चार लाख रुपए जलजोग चौराहा स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में इन्द्रजीत यादव के खाते में जमा कराए। बीस माह बाद भी निवेशकों को कम्पनी से कोई मुनाफा नहीं मिला, न मूल राशि लौटाई गई। परेशान निवेशकों ने कोर्ट की शरण ली और मामला दर्ज कराया।
ऑनलाइन ट्रेडिंग व मोबाइल पर बातचीत से आए झांसे में
आरोपी हनुमान सहाय ने शैलेंद्र भंडारी के घर पर जाकर सभी निवेशकों को कंपनी की कार्य प्रणाली ऑनलाइन समझाई और निवेश की गई राशि को दस से पन्द्रह गुना बढ़ाने के तरीके बताए। गुडगांव में बैठे इंद्रजीत यादव से भी निवेशकों की मोबाइल पर बात करवाई गई थी।