सिंडिकेट सदस्य बैठक के लिए पहुंचने शुरू हो गए थे लेकिन छात्रसंघ अध्यक्ष करीब 100 छात्रों के साथ केंद्रीय कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। कुलपति ने छात्रसंघ अध्यक्ष सहित कुछ छात्रों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। छात्रों की करीब एक दर्जन मांगे थी, जिन्हें लगभग मान लिया गया। विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया 30 सितंबर को समाप्त हो रही है। ऐसे में 2 दिन पहले फिर से प्रवेश का लिंक ओपन किया जाएगा, जिससे वंचित रह चुके विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। इसके अलावा केंद्रीय कार्यालय में गल्र्स कॉमन रूम फिर से शुरू किया जाएगा।
कार्यवाहक कुलपति डॉ. बीआर चौधरी के बीच छात्रों से जुड़ी मांगों को लेकर दो घंटे तक नोकझोंक हुई। विवि प्रशासन एलएलबी में स्व वित्त पोषित पाठ्यक्रम शुरू करने को तैयार नहीं था। इस पर विधि संकाय की डीन प्रो. चंदनबाला और छात्रसंघ अध्यक्ष के बीच भी बहस हुई। बाद में कुलपति ने एलएलबी में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश को मंजूरी दे दी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की कार्यवाही से बचने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए छात्रों से अंडरटेकिंग लेगा। कुलपति ने आगामी शिक्षा सत्र से विवि की सभी कक्षाओं में शहीद परिवार के बच्चों के लिए 25 सीटें आरक्षित करने की मांग को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। छात्रसंघ चुनाव के दौरान भाटी का यह प्रमुख मुद्दा था।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों से अधिक ठेकाकर्मी इक_ा थे। करीब 200 ठेका कर्मियों ने 2 महीने से वेतन नहीं मिलने के विरोध में करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन किया। कुलपति ने उन्हें भी जल्द वेतन दिलाने का आश्वासन दिया।
200 ठेका कर्मचारियों का प्रदर्शन
बीस जुलाई के बाद से वेतन नहीं मिलने परेशान विवि में कार्यरत ठेका कर्मियों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। छात्रसंघ अध्यक्ष ने भी ठेका कर्मियों का मुद्दा कुलपति के समक्ष उठाया। विवि ने 20 जुलाई को कर्मचारियों का ठेका जयपुर की फर्म को दिया है। यह ठेका करीब 175 रिक्त पदों के विरुद्ध दिया था, जबकि विवि में 550 से अधिक ठेका कर्मी कार्यरत बताए जा रहे हैं। इसको लेकर सोमवार तक निर्णय किया जाएगा।