विभाग में खाली पदों व कार्मिकों की कमी के कारण निगरानी के अभाव में गैर अनुमत बीज, खाद व कीटनाशकों की बिक्री से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। विभाग से तकनीकी सहयोग नहीं मिलने के कारण किसान बीज विक्रेताओं की सलाह पर निर्भर रहते है और फ सल व किस्म चयन के झांसे में आ जाते है। इससे किसान सही उत्पादन लेने से वंचित रह जाते है। यही हाल फ सलों में रोग व कीट प्रबंधन को लेकर है, इससे फ सल उत्पादन लागत भी बढ़ जाती है और उत्पादन भी प्रभावित होता है।
जिले में किसान बागवानी व संरक्षित खेती के प्रति रुचि दिखा रहे है लेकिन ऐसी फसलों के बारे में विभाग की ओर से तकनीकी सलाह नहीं मिलने से किसान समुचित लाभ नहीं उठा पा रहे है। इसी प्रकार विभिन्न अनुदान योजनाओं का भी जानकारी के अभाव में किसानों को समुचित लाभ नही मिल पाता है।
वीएस सोलंकी, उप निदेशक
कृषि विस्तार, जोधपुर