मृतक कपिल के चाचा राजेश दवे का कहना है कि कपिल अपने मोबाइल में ऑनलाइन गेमिंग व ट्रेडिंग की लत में फंसा था। गेम के साथ-साथ क्रिप्टो करंसी के लेन-देन में फंसकर डिप्रेशन में आ गया था। वह माता-पिता का एकमात्र का पुत्र था। उसके बहन भी नहीं है। सरकार को ऐसे मोबाइल गेम पर पाबंदी लगानी चाहिए।
गोताखोर दाऊलाल मालवीय का कहना है कि कपिल ऑनलाइन जुए व ट्रेडिंग में लाखों रुपए गंवा चुका था। इसके बाद भी दस-पंद्रह लाख और बाकी होने को लेकर वह डिप्रेशन में आ गया था। उसकी मृत्यु से माता-पिता सदमे में है। अब माता-पिता अकेले रह गए हैं। उसकी बाइक का अभी तक पता नहीं लग पाया है। जो संभवत: ऑनलाइन गेम से जुड़े लोग ले गए होंगे। ऐसे ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलक्टर और पुलिस कमिश्नर को परिवाद भी सौंपे गए हैं।
राजीव नगर निवासी कपिल दवे (22) गत 13 जून को शिवबाड़ी में वेद अध्ययन करवाने गया था। वेद अध्ययन के बाद वह वहां से निकल गया था, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा था। चिंतित परिजन ने तलाश के प्रयास शुरू किए। उसके प्रतापनगर से कायलाना झील की तरफ जाने का पता लगा था। झील के किनारे उसके चप्पल व मोबाइल मिले थे। गोताखोरों ने 14 जून को तलाश के बाद उसे बाहर निकाल लिया था, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।