जोधपुर एम्स के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित गोयल के अनुसार शोध से साबित हो चुका है कि ईएनडीएस सुरक्षित नहीं है। यह धूम्रपान की समाप्ति का विकल्प नहीं हैं। निकोटिन पर निर्भरता स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख खतरा है। यह एक अत्यधिक नशे की लत वाला रसायन है। इन उत्पादों को भारत में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिम के अभियान से जुड़े चिकित्सकों के अनुसार चिकित्सकों का एक अन्य वर्ग ही ईएनडीएस लॉबी से प्रभावित होकर अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संघों की रिपोर्ट के संदर्भ को गलत तरीके से प्रचारित कर रहा है।
अमरीकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार यूएस में 2017 से 2018 तक एक वर्ष में ई-सिगरेट का प्रचलन हाई स्कूल के विद्यार्थियों में 78 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में 48 प्रतिशत तक बढ़ा है।
ई-सिगरेट को ई-सिग, वेप्स, ई-हुक्का, वेप पेन भी कहा जाता है। जो इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) हैं। कुछ ई-सिगरेट नियमित सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे दिखते हैं। कुछ यूएसबी फ्लैश ड्राइव, पेन और अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की तरह दिखते हैं। जो युवाओं को आकर्षित करते हैं।