यहां पाक आर्मी का बड़ा बेस है। भारत के साथ तनाव के बाद पाक ने यहां टैंक रेजिमेंट और कई बटालियनें बुला ली। शिव मंदिर के पास पाक आर्मी का मूवमेंट अधिक होने के कारण मंदिर को बंद कर दिया गया। सिंध के हिंदुओं ने इसका विरोध किया, लेकिन आर्मी पर असर नहीं हुआ। चार मार्च को शिवरात्रि के दिन लोगों की अपील पर इसे तीन घण्टे के लिए खोला गया था। पाक आर्मी को यहां जासूसी का संदेह था।
उमरकोट में सैंकड़ों साल पहले चट्टान काटकर शिव मंदिर बनाया गया था। इसका गर्भगृह काफी बड़ा है जहां शिवलिंग है। इस पर कथई रंग का सर्प लिपटा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके पूर्वजों ने शिवलिंग को अपने आप आकार बदलते हुए भी देखा है। मंदिर पर जाने के लिए चटक लाल रंग की सीढिय़ां हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर पीपल के नीचे दुर्गा का भी मंदिर है। इसके अलावा उमरकोट में काली माता मंदिर, कृष्ण मंदिर, मनहर और काठवाड़ी मंदिर है। यहां पहले सोढ़ा राजपूतों का शासन था।