Monsoon Update: आखिर कब होगी झमाझम बारिश, मानसून को लेकर IMD का बड़ा अलर्ट जारी
डॉ ऋषिदत पालीवाल ने बताया कि पाली मारवाड में पालीवाल 6वीं सदी से रह रहे थे, जो सम्पन्न व काफी समृद्ध थे। तत्कालीन दिल्ली के शासक जलालुदीन खिलजी (फिरोजशाह द्वितीय) ने विक्रम संवत 1348 ईस्वी सन 1291-1292 के लगभग अपनी सेना के साथ पाली को लूटने के लिए चारों तरफ से आक्रमण कर परकोटे को घेर लिया व लोगों पर अत्याचार किए। युद्ध में हजारों की संख्या में पालीवाल ब्राह्मण शहीद हुए। युद्ध में जीवित बचे समाज के लोगों ने संकल्प कर पाली का एकसाथ परित्याग कर दिया और पूरे भारत में फैल गए। उसी दिन से पाली के रहने वाले ब्राह्मण ही पालीवाल ब्राह्मण कहलाए।Monsoon Update: अगस्त महीने में मानसून ने तरसाया, लेकिन सितंबर में होगी झमाझम बारिश, IMD का नया अलर्ट
पालीवाल एकता दिवस मनाते हैनथमल पालीवाल ने बताया कि पालीवाल ब्राह्मण रक्षाबंधन के दिन को ‘पालीवाल एकता दिवस’ के रूप में मनाते है। समाज की ओर से पुराने बाजार स्थित ‘धौला चौतरा’ को विकसित किया गया है। रक्षाबंधन के दिन समाज के लोग त्योहार नहीं मनाकर धौला चौतरा पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर तालाब पर अपने पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण करते हैं।