
RAJ ELECTION 2018 : Madhosingh Diwan of Marwar joined BJP
जोधपुर. आज की सबसे हॉट न्यूज यह है कि राजस्थान के कैबिनेट मंत्री रहे सीरवी समाज से जुड़े आई पंथ के धर्म गुरु माधोसिंह दीवान भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने जयपुर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में भाजपा ज्वॉइन की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में यह फैसला किया है। दीवान मारवाड़ में कांग्रेस के टिकट वितरण की प्रक्रिया से नाराज थे।
राजनीतिक के साथ एक बड़ा धार्मिक जनाधार भी
दीवान को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नजदीकी माना जाता रहा है। पांच बार विधायक रह चुके दीवान बरसों से कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे और उनका राजनीतिक के साथ एक बड़ा धार्मिक जनाधार भी है। उनकी बात को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके अनुयाइयों की भी एक अच्छी खासी तादाद है। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि माधोसिंह दीवान ने नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है तो उनकी नीयत पर शक नहीं किया जा सकता। क्यों कि अब वे टिकट मिलने और न मिलने से ऊपर उठ चुके हैं। चूंकि वे परचे भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं तो मारवाड़ की राजनीति में हुआ यह बदलाव चुनावी राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
टिकट वितरण की समग्र प्रक्रिया से जरूर नाखुश थे
सियासत के दूसरे गलियारों में तो यह चर्चा भी है कि दीवान ने गत दिनों पुष्कर में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा था कि कांग्रेस में दस जनपथ ही टिकट तय करता है और किसको टिकट देना है और कौन चुनाव लड़ेगा, यह आलाकमान ही तय करता है। तब उन्होंने चुटकी ली थी कि अब तो भाजपा में भी एेसा ही होने लगा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि एक ओर जब पिछले कुछ दिनों के दौरान दोनों पार्टियों में नेताओं ने टिकट लेने के लिए पार्टी बदल ली, एेसे में दीवान ने खुद के टिकट के लिए पार्टी बदली हो, यह कहना सही नहीं होगा। वरना वे कुछ दिन पहले भाजपा ज्वॉइन करते। अलबत्ता वे कांग्रेस में टिकट वितरण की समग्र प्रक्रिया से जरूर नाखुश थे।
टिकट वितरण में राहुल की ही चली
इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जोधपुर में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में यह अवश्य कहा है कि टिकट वितरण में राहुल गांधी के युवाओं व महिलाओं को मौका देने के फॉर्मूले पर काम किया गया है। इसमें वे कोई समझौता नहीं करना चाहते थे। इस तरह गहलोत ने यह बात साफ की है कि टिकट वितरण में राहुल की ही चली है। ध्यान रहे कि राजस्थान विधानसभा के इस बार हो रहे चुनाव के दौरान भाजपा ने 7 और कांग्रेस ने 4 नेताओं को पार्टी ज्वाइन करते ही चुनावी टिकट दिया है। बहरहाल दीवान का भाजपा में होना भाजपा के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है कि अब टिकट वितरण और नामांकन प्रक्रिया की बात पीछे रह गई है। क्योंकि यह प्रक्रिया तो अब पूरी हो चुकी है और अब उसके बारे में बात करना बेमानी है। इसलिए भाजपा अब उनका चुनाव प्रचार में उपयोग कर सकती है।
Published on:
20 Nov 2018 05:51 pm
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