दरअसल, भीतरी शहर में ब्रह्मपुरी, खागल जैसे इलाकों में आज भी गधों के जरिए ही कचरा अस्थाई डंपिंग स्टेशन तक लाया जाता है। वहां पर गधों की मांग बढ़ती जा रही है। इस बीच शहर विधायक ने बजट बैठक में गधों के लिए टेंडर निकालने के लिए कहा। साथ ही इसकी अनुशंषा भी की है। नगर निगम हर वर्ष करीब 60 लाख रुपए का टेंडर गधों के लिए अलग से करता है। वर्तमान की बात करें तो इस वर्ष निगम उत्तर की ओर से गधों के लिए 65 लाख रुपए का टेंडर तीन साल के लिए जारी किया गया है। इसके तहत शहर के विभिन्न वार्डों में 65 गधे लगाए गए हैं।
निगम की ओर से जहां पर मशीनों के मार्फत सफाई नहीं हो सकती, उन वार्डों में गधों को लगाया गया था। निगम सूत्रों के मुताबिक अब ब्रह्मपुरी, खागल सहित अन्य वार्डाें में जहां पर गधों के जरिए कचरा उठाकर लाया जाता है, वहां पर अभी 65 गधे लगाए गए हैं, जबकि इन वार्डाें में अब करीब 200 गधों को लगाने की आवश्यकता है। समय के साथ आबादी बढ़ने से कचरा भी ज्यादा हो रहा है। इसलिए गधों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।