जानकारी के अनुसार खुदाई के लिए रेलवे की स्वीकृति मिलने पर पटरियों के नीचे गर्डर लगाने का कार्य होगा। मानसून के दौरान खुदाई कार्य संभव नहीं होगा, लिहाजा मानसून से पूर्व स्वीकृति नहीं मिलती है तो ब्रिज निर्माण में फिर देरी होने की आशंका बन जाएगी।
सीआरए स्वीकृति का इंतजार
आरयूबी निर्माण के दौरान रेल पटरियों के नीचे खुदाई कर गार्डर लगाने के लिए आरएसआरडीसी को करीब 10 घण्टे का रेलवे ब्लॉकेज चाहिए। सीआरए स्वीकृति के लिए आरएसआरडीसी लम्बे समय से रेलवे के सम्पर्क में है। यहां ब्लॉकेज लेने से पूर्व रेलवे को मुख्यालय से इस रूट पर आने वाली मालगाडिय़ों व यात्री गाडिय़ों के आवागमन पर विचार-विमर्श करना होगा। गौरतलब है कि इस रेलवे फाटक को बंद करने के लिए जिला कलक्टर द्वारा पूर्व में ही स्वीकृति मिल गई थी, लेकिन यहां यातायात व्यवस्थाएं सुचारू रखने के लिए फाटक को बंद नहीं किया गया है।
डेढ़ साल की हो गई देरी
गौरतलब है कि आरयूबी निर्माण जून,2016 में शुरू हुआ था तथा आरएसआरडीसी ने जनवरी 2018 तक निर्माण पूर्ण करने की समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन करीब डेढ़ साल बाद भी यह मूर्तरूप नहीं ले सका है। कभी तकनीकी खामियों को दूर करने, तो कभी रेलवे की एनओसी नहीं मिलने के चलते निर्माण कार्य शुरू होने में ही देरी हुई थी। निसं
रेलवे से सम्पर्क में है विभाग
आरयूबी निर्माण को लेकर ब्लॉकेज के लिए रेलवे से स्वीकृति के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, अधिकारी सम्पर्क में हंै। उम्मीद है इसी माह स्वीकृति मिल जाएगी। योगेन्द्र शर्मा, निदेशक, आरएसआरडीसी, यूनिट-प्रथम, जोधपुर।